किसान आंदोलन (Farmers Protest) से संबंधित केसों की सुनवाई के लिए केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal’s Govt) की ओर से गठित वकीलों के पैनल को उप राज्यपाल (LG) ने खारिज कर दिया है. एलजी ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से सुझाए गए वकीलों के पैनल पर कैबिनेट की मुहर लगाने पर फैसला लेने को कहा है. इसके बाद केजरीवाल सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है.
कृषि कानून आंदोलन में आरोपी किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार खुल कर सामने आ गई है. एलजी ने दिल्ली सरकार के वकीलों को मुकदमा लड़ने से रोका. कृषि कानून के विरोध में आरोपी बनाए गए किसानों के खिलाफ मुकदमा लड़ने के लिए अदालत में केंद्र, राज्य की जगह अपने वकील उतारने का केजरीवाल सरकार पर दबाव बना रहा है.
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दर्ज केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए केजरीवाल सरकार ने वकीलों का पैनल बनाया था. लेकिन अचानक किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अपने वकीलों का पैनल नियुक्त कराना चाहती है. दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. लेकिन अब उप राज्यपाल ने दिल्ली सरकार को कैबिनट की बैठक बुला कर दिल्ली पुलिस के वकीलों पर फैसला लेने का दबाव बनाया है.
केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ कई केस दर्ज किए हैं. किसानों पर दर्ज केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए केजरीवाल सरकार ने वकीलों का पैनल बनाया.
दूसरी तरफ इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस अपने वकीलों का पैनल बनवाना चाहती है. दिल्ली पुलिस ने वकीलों का एक पैनल बनाकर अनुमोदन के लिए लिस्ट दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को भेजी थी. दिल्ली पुलिस की ओर से भेजी गई वकीलों की सूची को जांचने के बाद सत्येंद्र जैन ने उसे खारिज कर दिया था. इसके बाद सरकारी वकीलों का पैनल बनाकर दिल्ली के गृह मंत्री ने प्रस्ताव उप राज्यपाल के पास भेजा था. जिसे उप राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी.
उप राज्यपाल ने दिल्ली सरकार को कहा है कि दिल्ली पुलिस के वकीलों के पैनल को कैबिनेट मंजूरी दे. जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है.
दिल्ली के उप राज्यपाल और दिल्ली के गृह मंत्री के बीच एक वर्चुअल बैठक हुई थी. जिसमें उप राज्यपाल ने यह स्वीकारा था कि दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और बहुत काबिल हैं. दिल्ली सरकार के वकील अच्छे से केस लड़ रहे हैं. दिल्ली सरकार के वकीलों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है.