नई दिल्ली. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 2021-22 के एकेडमिक सेशन के लिए 10वीं और 12वीं के सिलेबस में बड़े बदलाव किया है. जिसके अनुसार 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं एक वर्ष में दो बार आयोजित की जाएंगी. हर टर्म में 50 प्रतिशत सिलेबस कवर किया जाएगा. पहले टर्म की परीक्षा नवंबर-दिसंबर और दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी. टर्म एग्जाम 90 मिनट के होंगे.
जारी नोटिस के मुताबिक हर टर्म के आखिर में बंटे हुए सिलेबस के आधार पर बोर्ड एग्जाम लेगा. एग्जाम के लिए प्रश्न पत्र तैयार करके स्कूलों में भेजा जाएगा. हालांकि अभी आंसरशीट के मूल्यांकन का प्रोसेस तय नहीं किया गया है. लेकिन बोर्ड द्वारा जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. ये परीक्षाएं बाहर से भेजे गए सेंटर सुपरिटेंडेंट और ऑब्जर्वर्स की निगरानी में की जाएंगी. स्टूडेंट पहले और दूसरे टर्म में जो नंबर हासिल करेंगे, उनके आधार पर फाइनल मार्कशीट तैयार की जाएगी. ऐसे में माना जा रहा है कि सीबीएसई की मार्किंग पॉलिसी में भी बदलाव आएगा.
इन प्वॉइंट्स से समझिए क्या-क्या होगा बदलाव
-शैक्षणिक सत्र को दो भागों में बांटा जाएगा. प्रत्येक सत्र में 50-50 प्रतिशत सिलेबस की पढ़ाई होगी.
– नवंबर-दिसंबर में टर्म की परीक्षा और मार्च-अप्रैल में दूसरे टर्म की परीक्षा होगी.
– सीबीएसई के सत्र 2021-2022 के लिए नए पाठ्यक्रम को जुलाई अंत तक जारी किया जाएगा.
– बोर्ड द्वारा आंतरिक मूल्यांकन / प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट कार्य को अधिक विश्वसनीय और वैध बनाने का प्रयास किया जाएगा.
– बोर्ड की तरफ से विश्वसनीय और वैध आंतरिक मूल्यांकन के लिए सैंपल असेसमेंट, टीचर्स ट्रेनिंग आदि अतिरिक्त संसाधन भी दिया जाएगा.
– कक्षा नौवीं – दसवीं के लिए आंतरिक मूल्यांकन (पूरे वर्ष टर्म I और टर्म II के बावजूद) में 3 पीरियोडिक टेस्ट, स्टूडेंट एनरिचमेंट, पोर्टफोलियो और प्रायोगिक कार्य / बोलने – सुनने की गतिविधियां / परियोजना कार्य शामिल होंगे.
– कक्षा 11वीं – 12वीं के लिए आंतरिक मूल्यांकन (वर्ष भर में टर्म I और टर्म II की अवधि के अलावा) में टॉपिक एंड या यूनिट टेस्ट / प्रायोगिक कार्य / प्रोजेक्ट आदि को शामिल किया जाएगा.
– स्कूल द्वारा साल भर में किए गए सभी असेसमेंट के लिए छात्र का एक प्रोफाइल तैयार किया जाएगा.
– सीबीएसई स्कूलों को सीबीएसई की वेबसाइट पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने की भी सुविधा दी जाएगी.