टीम डिजिटल। देश में अब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण मामलों में गिरावट आने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटों में 34,703 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस से ठीक होने वालों की संख्या 51,864 है और 24 घंटे में 553 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3,06,19,932 पहुंच गया है। वहीं अब तक 2,97,52,294 लोग ठीक हुए हैं। लेकिन अब भी सक्रिय मामलों की संख्या 4,64,357 है। जबकि अबतक इस वायरस के कारण 4,03,281 लोगों ने अपनी जान गवा दी। इसी के साथ देश में टीकाकरण अभियान भी जोरों पर है। देश में अबतक 35,75,53,612 लोगों का टीकाकरण हो चुका है।
बता दें कि दूसरी ओर एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना का डेल्टा वैरीएंट वैक्सीन एलिसिटेड एंटीबॉडी के प्रति 8 गुना कम संवेदनशीलता दिखाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि वुहान वैरीअंट की तुलना में कोविड-19 वैक्सीन के डेल्टा वैरीएंट के मुकाबले 8 गुना कम प्रभावी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस के b.1. 617.2 या डेल्टा संस्करण को पहले ही चिंता का रूप घोषित किया जा चुका है। अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में डेल्टा वैरीएंट का प्रभुत्व पहले से संक्रमित व्यक्तियों में एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने और वायरस की सक्रियता में वृद्धि के संयोजन से प्रेरित है।
सर गंगाराम अस्पताल में किए गए अध्ययन का दावा
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में किए गए अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना रोगियों में पाए जाने वाले एंटीबॉडी को बेअसर करने के लिए डेल्टा वैरीएंट कम संवेदनशील है। रिसर्च स्क्वायर द्वारा आयोजित अध्ययन में कहा गया है कि पुनः संक्रमण और बढ़ी हुई ट्रांसमिशन ने कोविड-19 के डेल्टा वैरीएंट के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉक्टर चंद वट्ठल के अनुसार निकला निष्कर्ष
इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी के अध्यक्ष डॉक्टर चंद वट्ठल के अनुसार निष्कर्ष निकला कि टीकाकरण वाले स्वास्थ्य कर्मियों में ट्रांसमिशन क्लस्टर भी डेल्टा वैरीएंट से जुड़े पाए गए। भारत में 3 केंद्रों में 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों में वैक्सीन की सफलता के विश्लेषण में डेल्टा संस्करण न केवल गैर डेल्टा संक्रमण की तुलना में उच्च श्वसन वायरल लोड के साथ वैक्सीन ब्रेकथ्रू संक्रमण पर हावी है, बल्कि b.1.1.7 या b.1.617.1 इनके बीच अधिक संचरण भी उत्पन्न करता है।