जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हुए ब्लास्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की है। इस हाई-लेवल मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भविष्य में डिफेंस क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने पर रणनीति बनाई गई है। न्यूज एजेंसी ‘ANI’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग में सेना को आधुनिक हथियारों से लैस करने की योजना पर भी चर्चा हुई है।
इससे पहले रविवार को जम्मू में इंडियन एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से दो धमाके हुए थे। इन धमाकों में दो एयरफोर्स कर्मचारी जख्मी भी हुए थे। यह दोनों धमाके 5 मिनट के अंतराल पर हुए थे। पहला धमाका एक बिल्डिंग की छत पर करीब 1.37 AM पर और दूसरा 1.42 AM पर हुआ था। बता दें कि सुरक्षा की लिहाज से जम्मू एयरपोर्ट काफी अहम माना जाता है। यह वीवीआईपी मूवमेंट और आर्म्स फोर्स की रणनीतिक ऑपरेशन्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ड्रोन से हुए इस धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इस मामले में 2 लोगों को संदिग्ध के तौर पर हिरासत में लेकर पूछताछ भी हुई है। जांच एजेंसी और जम्मू-कश्मीर पुलिस की शुरुआती जांच में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि इस हमले में पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का हो सकता है।
रक्षा मंत्री जल्दी ही लद्दाख के दौरे पर जाने वाले हैं। ऐसी उम्मीद है कि रक्षा मंत्री का यह दौरा तीन दिनों का होगा। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्र शासित लद्दाख में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान एयरफोर्स से जुड़े अधिकारी उन्हें इस ड्रोन हमले के बारे में विस्तृत जानकारी भी देंगे।
बता दें कि रक्षा विशेषज्ञ पहले भी यह कहते रहे हैं कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अक्सर ड्रोन के जरिए हथियार, ड्रग्स, विस्फोटक और यहां तक कि हवाला कारोबार से जुड़े पैसे भी पहुंचाता रहा है।