उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को 7 जुलाई तक रोक लगा दी है, बावजूद इसके उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर गाइडलाइंस जारी की है, जिसके मुताबिक चारधाम यात्रा का पहला चरण 1 जुलाई से और दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरू होगा। यात्रा पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कोविड की निगेटिव रिपोर्ट देना जरूरी है और सभी प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है।
Uttarakhand Chardham Yatra: HC की रोक के बाद भी सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस | वनइंडिया हिंदी
क्या कहा था हाईकोर्ट ने?
1 जुलाई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट ने सात जुलाई तक रोक लगा दी है। कल उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रावत सरकार को झटका देने हुए 1 जुलाई से शुरू होने वाली चारधाम की यात्रा पर रोक लगाने का फैसला सुनाते हुए सरकार को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भगवान के दर्शन कराने के निर्देश जारी किए थे। चीफ जस्टिस आरएस चौहान की खंडपीठ ने कहा कि मौजूदा हालात और ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप को देखते हुए यात्रा पर रोक लगाना जरूरी है। अभी सभी के स्वास्थ्य पर ध्यान देना ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
भारत के छोटे चार धाम कहलाते हैं ये स्थान
आपको बता दें कि वैसे तो बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम भारत के प्रमुख चारधाम हैं, जिनके दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जाते हैं लेकिन बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को छोटा चारधाम कहा जाता है।
चारों स्थान आस्था के मानक
बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है और केदारनाथ का शिव लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जबकि गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थान माना जाता है तो वहीं यमुनोत्री उत्तरकाशी में मां यमुना का मंदिर है। यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में दर्शन करने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन चारोंधामों के दर्शन मात्र से ही इंसान के सारे कष्टों का अंत हो जाता है, ये चारों स्थान आस्था के मानक हैं।