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कलेक्टर भीम सिंह ने ऐसे गाँव में दिया मेंस्ट्रल हाइजिन का संदेश, जहाँ पीरिएड के दौरान महिलाओं को रखा जाता है घर से बाहर झोपड़ी में

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कलेक्टर ने किया समाज से आग्रह, ऐसी कोई भी प्रथा जिससे महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान के खतरे में पडऩे की आशंका बने, उसे त्यागना बेहतर

लोगों को समझाने की दिशा में बीते छह महीनों से कलेक्टर श्री भीम सिंह के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग कर रहा कार्य, अभियान को प्रोत्साहित करने कलेक्टर भी पहुँचे सीतागांव

सीतागांव में सेनेटरी पैड नि:शुल्क उपलब्ध कराएंगे
राजनांदगांव 15 जून 2018। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को घर के बाहर झोपड़ी में रखने की एक विशेष समाज में प्रचलित प्रथा छोड़ देने का आग्रह करने कलेक्टर श्री भीम सिंह मानपुर ब्लाक के सीतागांव पहुंचे। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सुविधा समाज के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है ऐसी कोई भी प्रथा जिससे यह प्राथमिकताएँ खतरे में आ जाएं, उसे छोड़ देना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि कुछ समाजों में यह प्रथा प्रचलित थी लेकिन प्रगतिशील रास्तों को अपनाते हुए उन्होंने इसे छोड़ दिया। कलेक्टर ने कहा कि वे यहाँ सेनेटरी पैड नि:शुल्क उपलब्ध कराएंगे। महिलाओं ने कलेक्टर की बातों को सुना और कहा कि उनके लिए भी मासिक धर्म के दौरान इस तरह बाहर समय गुजारना कष्टप्रद होता है लेकिन चूँकि ऐसी प्रथा है अतएव ऐसा करते हैं। उन्होंने कलेक्टर को कहा कि वे अपने समाज की बैठक में इस बात को रखेंगे और सर्वसम्मति से सबके हित में रास्ते निकालेंगे। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री भीम सिंह नियमित रूप से सीतागांव और निकटवर्ती गाँवों में इस प्रथा के संबंध में लोगों को जागरूक करने अभियान चला रहे हैं। बीते छह महीनों से महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी निरंतर सीतागांव व नजदीकी गाँवों में लोगों से इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं और मेंस्ट्रल हाइजिन का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने सीतागांव में सेनेटरी पैड बांटे भी हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अभिषेक त्रिपाठी ने कलेक्टर को बताया कि महिलाएँ सेनेटरी पैड को अपना रही हैं। जितने सेनेटरी पैड सीतागांव के नजदीकी गांव कारेकट्टा आंगनबाड़ी में बांटे गए थे उनमें 75 फीसदी का इस्तेमाल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पीरिएड्स के दौरान सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने के लाभों के संबंध में भी जानकारी दी जा रही है जिससे धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ रही है। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री चंदन कुमार, डीएफओ श्री मोहम्मद शाहिद, मोहला एसडीएम श्री यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जिस झोपड़ी में पीरिएड के दौरान रखा जाता है वहां भी गए कलेक्टर
पीरिएड के दौरान इस समाज विशेष की महिलाएँ एक अलग झोपड़ी में रहती हैं जो इस दौरान समय गुजारने के लिए बनाई जाती है। कलेक्टर यहां भी गए। ये बेहद असुविधापूर्ण जगह थी, यहाँ लाइट नहीं थी, चारों ओर सीलन भरी थी। यहाँ तीन महिलाएँ थीं, कलेक्टर ने उनसे पूछा कि इस तरह अलग-थलग रहने से तकलीफ नहीं होती। उन्होंने बताया कि ये कष्टपूर्ण होता है लेकिन चूँकि ऐसा रिवाज है इसलिए यहाँ रहते हैं।

प्रसव पश्चात माता और शिशु को भी घर के बाहर झोपड़ी में रहना पड़ता है
इस समाज विशेष में प्रसव उपरांत डेढ़ महीने तक शिशु एवं माता को घर के बाहर स्थित झोपड़ी में डेढ़ महीने तक रहना होता है। इससे शिशु की सुरक्षा और पोषण पर एवं प्रसूता माँ के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। कलेक्टर ने कहा कि आपके समाज ने अनेक ऐसे सकारात्मक निर्णय लिए हैं जिससे समाज निरंतर प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ा है। आशा है आप इस संबंध में भी उचित निर्णय लेकर माँ और शिशु के स्वास्थ्य की बेहतरी की दिशा में भी काम करेंगे।

कलेक्टर ने कहा, फिर आएंगे
कलेक्टर ने महिलाओं को कहा कि वे अगली बार जल्द ही आएंगे और उन्हें बहुत अच्छा लगेगा जब समाज उनके आग्रह को स्वीकार कर लेगा और महिलाओं को असुरक्षित और असुविधापूर्ण माहौल में अपने मासिक धर्म के दिन नहीं बिताने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सीतागांव की महिलाएँ अपने पैरों पर खड़ी हो सकें, इसके लिए भी बिहान के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन यहाँ किया जाएगा, साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने भी विशेष प्रोजेक्ट सीतागांव में शुरू किए जाएंगे।

कमलेश सीमंकर

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