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महंगाई दर 27 महीने में सबसे ज्यादा:फरवरी में इन्फ्लेशन रेट 4.17% हुआ, जनवरी में यह 2.03% था; खाने-पीने की चीजों और ईंधन के दाम बढ़ने का असर

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खाने-पीने के सामान, ईंधन और बिजली के दाम में इजाफा होने से थोक महंगाई फरवरी में लगातार दूसरे महीने बढ़कर पिछले 27 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। थोक मूल्य सूचकांक आधारित (WPI) महंगाई दर फरवरी में 4.17% रही जो इस साल जनवरी में 2.03% और पिछले साल फरवरी में 2.26% थी। पिछले हफ्ते आए आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर फरवरी में 5.03% रही थी।

खाने-पीने का सामान फरवरी में फिर महंगा हुआ
खाने-पीने के सामान कई महीने तक सस्ते रहने के बाद फरवरी में इनकी कीमतें बढ़ीं। फरवरी में इनके दाम में सालाना आधार पर 1.36% का इजाफा हुआ। साल के पहले महीने यानी जनवरी में खाने-पीने के सामान के दाम में सालाना आधार पर 2.80% की गिरावट आई थी।

खाने-पीने के सामान के थोक दाम में महंगाई पिछले महीने 3.31% रही। साल के पहले महीने में उनका थोक दाम सालाना आधार पर 0.26% घटा था। फरवरी में सब्जियों के दाम में 2.90% की गिरावट आई जबकि जनवरी में उनके दाम सालाना आधार पर 20.82% घटे थे। हालांकि, फरवरी में दलहन का दाम 10.25% बढ़ गया जबकि फलों के दाम में 9.48% का इजाफा हुआ।

थोक महंगाई 27 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की वजह चौतरफा महंगाई
ICRA की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट अदिति नायर के मुताबिक, ‘थोक महंगाई डबल होकर 27 महीने के उच्चतम स्तर 4.2% पर पहुंचने की वजह चौतरफा महंगाई है। इस पर ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी, क्रूड ऑयल और फ्यूल के दाम में बढ़ोतरी का असर हुआ है। इसके अलावा खाने-पीने के सामान के दाम पिछले साल कम रहने की वजह से भी इस साल फरवरी में महंगाई ज्यादा रही है।’

कमोडिटी के दाम में उछाल से 3 महीनों में थोक महंगाई में तेज उछाल आने के आसार
नायर ने पिछले साल के मुकाबले कमोडिटी के दाम में तेज उछाल आने से अगले तीन महीनों में थोक महंगाई में तेज उछाल आने के आसार जताए हैं। उन्होंने कहा कि कोर WPI इनफ्लेशसन मार्च में लगभग 6% और हेडलाइन WPI इनफ्लेशन 9-9.5% रह सकता है।