कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार कमी का असर ये हुआ है कि राजधानी के सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व 4737 बेड में से 4466 बेड खाली हैं और केवल 271 मरीज ही भर्ती हैं। राजधानी में अभी 1885 एक्टिव केस हैं, जिनमें से अस्पताल में भर्ती लोगों को छोड़कर बाकी होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे हैं। मरीजों की घटती संख्या की वजह से अब तक 11 कोविड केयर सेंटर बंद हो चुके हैं।

सरकारी अस्पतालों में भी एक ने मरीज नहीं होने की वजह से कोविड वार्ड बंद कर दिया है। कोरोना पीक पर था, तब 32 निजी अस्पतालों के सभी 1567 बेड फुल चल रहे थे, लेकिन अब वहां केवल 144 मरीज भर्ती हैं, वह भी सिर्फ 10 अस्पतालों में। बाकी 22 निजी अस्पतालों में जनवरी के पहले हफ्ते से कोई कोरोना मरीज भर्ती नहीं हुआ है।

वहीं, छत्तीसगढ़ में रविवार को कोरोना के 323 नए संक्रमित मिले हैं। इसमें रायपुर के 52 मरीज भी शामिल हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से प्रदेश में 7 जानें गई हैं। इनमें एक की मृत्यु राजधानी में हुई। लेकिन राहत की बात है कि प्रदेश में एक्टिव केस अब 7 हजार के नीचे पहुंच गए हैं। इधर, राजधानी के एम्स में 89 व अंबेडकर में केवल 38 मरीज भर्ती हैं।

यह आंकड़े शनिवार रात तक के हैं। माना में खोला गया कोरोना अस्पताल बंद कर दिया गया है। इनडोर स्टेडियम में खोला गया पहला कोविड सेंटर में बंद हो गया है और स्टेडियम खाली करके खेलों के लिए तैयार कर दिया गया। राजधानी ही नहीं, प्रदेश में भी कोरोना मामलों में गिरावट जनवरी में ज्यादा तेज रही है। पिछले 16 में से 10 दिन प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या एक हजार से कम रही। राजधानी में भी इतने दिन में कुल मिलाकर 2430 नए संक्रमित मिले हैं, यानी राेज 152 मरीजों का औसत।
राजधानी के सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से 60 फीसदी का इलाज आईसीयू में चल रहा है। बाकी आइसोलेशन वार्ड में हैं। पीक माह सितंबर की तुलना में गंभीर मरीज कम तो हुए हैं, लेकिन कोरोना मरीजों की मौतों की संख्या कम नहीं हो रही है। जनवरी के 16 दिनों में 27 मरीजों की मौत हुई है। जबकि अस्पतालों में दूसरे जिलों के 50 से ज्यादा मरीजों की मौत भी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार जनवरी में संक्रमण और बढ़ने की आशंका कम है। लोग लक्षण दिखते ही जांच करवाने लगे तो मौतें भी कम होंगी।