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सरकार की योजनाओं ने गोपालकों की तकदीर इस तरह बदली, जीवन में आ रही खुशहाली…

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रायपुर।  ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों व महिलाओं के जीवन में शासन की नरवा, घुरूवा, गरवा, बाड़ी योजना से व्यापक परिवर्तन आए हैं। खेत-खलिहानों में गली चौराहों में एक जागरूकता की लहर आई है। जिससे किसान आर्थिक तरक्की की ओर अग्रसर हुए हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है। यही वजह है कि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में आर्थिक तेजी रही। जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से भी सराहना मिली।

गोधन न्याय योजना एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के हित के लिए मील का पत्थर साबित हुई। ऐसे संकट के समय में उन्हें सरकार से सहायता मिली। राजनांदगांव जिले में गोधन न्याय योजना के तहत छह करोड़ 97 लाख 71 हजार रुपये का भुगतान पशुपालकों को किया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राजनांदगांव जिले के एक लाख 65 हजार 275 किसानों को 358 करोड़ 69 लाख 65 हजार रुपये धान बोनस की राशि प्रदान की गई।

जिले में कृषि कार्यों में गति आई है, वहीं गौठान निर्माण के निरीक्षण से गौठान की व्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। किसान समृद्धि योजना के तहत (राज्यांश एवं केंद्रांश) 24 लाख 25 हजार रुपये, जैविक खेती मिशन के तहत 8 लाख 36 हजार रुपये, केंद्र प्रवर्तित एनएमएसए अंतर्गत पुर्नगठित राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत 14 लाख 27 हजार रुपये, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (चावल) के तहत एक करोड़ 46 लाख 54 हजार रुपये, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन) के तहत एक करोड़ 52 लाख 43 हजार रुपये, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) के तहत 37 लाख 81 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है।

हर माह 1.20 करोड़ की आय

गोधन न्याय योजना सबसे कारगर साबित हो रही है। यह योजना अगस्त में शुरू की गई थी। पहले पांच माह में छह करोड़ रुपये के गोबर किसान व पशुपालक बेच चुके हैं। यानी हर माह का औसत 1.20 करोड़ रुपये है। इतनी बड़ी रकम किसानों व पशुपालकों के खातों में पहुंच चुकी है। बताया गया कि जिले में किसानों व पशुपालकों का रूझान गोधन योजना को लेकर तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में इसका लाभ बड़ी संख्या में किसानों को मिलने लगेगा।