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अंबिकापुर नगर निगम पर न पड़े बोझ इसलिए न्यूनतम साझा नीति पर सहमति…

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बिलासपुर।  नगर निगम अंबिकापुर क्षेत्र में कालोनाइजर एक्ट के उल्लंघन से नगर निगम पर पड़ रहे अतिरिक्त भार को लेकर शुक्रवार को सामान्य सभा की बैठक में सत्ता और विपक्ष एक साथ खड़े नजर आए।

बैठक में यह तय किया गया कि कालोनाइजर एक्ट को लेकर एक ऐसी व्यवस्थित नीति बनाई जाए जिससे कालोनी में रहने वाले लोगों को भी जन सुविधा के लिए पूरी तरीके से नगर निगम पर आश्रित ना रहना पड़े और नगर निगम पर भी सुविधा विस्तार के लिए दबाव न हो सके। नगर निगम के उड़नदस्ता और भवन शाखा की टीम को सजगता के साथ कार्य करने निर्देश जारी किया। नगर निगम से जारी नोटिस को सिर्फ कमाई का जरिया ना बनाने की भी बात कही गई।

सभापति अजय अग्रवाल की अध्यक्षता में सामान्य सभा की बैठक में पार्षदों द्वारा पूछे गए सवालों का संबंधित विभाग के प्रभारी सदस्यों ने जवाब दिया। प्रश्नकाल के दौरान कालोनाइजर एक्ट के पालन को लेकर सवाल पूछे गए थे। निगम में विपक्षी भाजपा के पार्षदों ने सवाल उठाया था कि नगर निगम क्षेत्र में मनमाने तरीके से प्लाटिंग कर जमीन बेची जा रही है।

बड़ी कालोनियां विकसित हो रही है और उन कालोनियों में सुविधा विस्तार के लिए नगर निगम पर दबाव बढ़ रहा है। यह परिस्थिति ठीक नहीं है। इस पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। कालोनाइजर एक्ट का पालन किया जाना चाहिए। लोक निर्माण विभाग के प्रभारी सदस्य शफी अहमद ने भी विपक्ष द्वारा उठाए गए इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए सदन में एलान किया कि यदि सभी पार्षदों की सहमति होगी तो कालोनाइजर एक्ट का शत-प्रतिशत पालन पूरी सख्ती के साथ कराया जाएगा लेकिन सत्ता अथवा विपक्ष की ओर से किसी भी पार्षद की ओर से सीधे तौर पर सहमति नहीं दी गई।

इस पर सत्ता पक्ष की ओर से यह सुझाव दिया गया कि शहर में अव्यवस्थित विकास को रोकने के लिए एक न्यूनतम साझा नीति बनाई जाएगी। इस नीति का निर्धारण सत्ता और विपक्ष के वरिष्ठ पार्षदों की सलाह से किया जाएगा ताकि संबंधित कालोनियों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए नगर निगम पर पूरी तरीके से आश्रित न रहना पड़े। कालोनियों को हैंडओवर लेने से पहले नगर निगम बारीकी से जांच करेगी। वहां रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है या नहीं।

मेयर डा. अजय तिर्की, पूर्व मेयर प्रबोध मिंज सहित अन्य सदस्यों ने भी इस पर सहमति दी। न्यूनतम साझा नीति बन जाने के बाद कालोनियों में जन सुविधा विस्तार के लिए नगर निगम पर भी अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। बैठक में शहर के सभी छह मुक्तिधाम में एक-एक चौकीदार की व्यवस्था निगम की ओर से करने, प्रत्येक वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में सड़कों के सुधार तथा उड़ने वाली धूल से राहत के लिए ठोस पहल करने तथा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई पर पार्षदों से हस्तक्षेप न करने जैसे विषयों पर थी चर्चा की गई।

प्रश्नकाल में सत्ता पक्ष की ओर से मेयर डा. अजय तिर्की, लोक निर्माण विभाग के प्रभारी शफी अहमद, जल विभाग के द्वितेंद्र मिश्रा, स्वच्छता विभाग के शैलेंद्र सोनी के अलावा विनोद एक्का, गीता प्रजापति ने जवाब दिए। विपक्ष की ओर से वरिष्ठ पार्षद आलोक दुबे, रमेश जायसवाल, हरमिंदर सिंह, विकास वर्मा रिंकू, विश्व विजय सिंह तोमर सहित अन्य पार्षदों ने सवाल पूछे। बैठक में पूर्व में लिए गए निर्णय को पारित किया गया। मेयर इन काउंसिल द्वारा पारित प्रस्तावों को सामान्य सभा में हरी झंडी दी गई। सेनेटरी पार्क के लिए निर्धारित नियमों का पालन कराने के लिए भी सहमति बनी।

पार्षद करेंगे प्रमाणीकरण

सामान्य सभा की बैठक में नालियों के ऊपर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नियमित रूप से करने का प्रस्ताव पारित किया गया। शहर की स्वच्छता व्यवस्था के लिए यह तय किया गया कि प्रत्येक वार्ड के लिए नियुक्त सफाई कर्मचारी हर रोज पार्षदों से संपर्क करेंगे। उन्हीं के सुझाव अनुरूप सफाई का काम होगा। महीने के अंत में पार्षद यह प्रमाणित करेंगे कि संबंधित सफाई कर्मचारी द्वारा अपने दायित्वों का इमानदारी पूर्वक निर्वहन किया गया है। पूर्व में भी यह व्यवस्था लागू थी। कई वार्डों में इसका पालन नहीं होने पर एमआईसी सदस्य शफी अहमद ने सख्ती से इस नियम का पालन कराने के निर्देश दिए।

मेयर बोले- तो दर्ज कराएंगे एफआइआर

सामान्य सभा की बैठक में भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने शहर के सब्जी बाजार में किसानों के उपज बिक्री के एवज में कमीशन लिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने एक रसीद भी सदन में प्रस्तुत किया और यह सवाल पूछा कि क्या मंडी एक्ट में सब्जी उत्पादक किसानों से बड़े कारोबारियों द्वारा कमीशन लेने का प्रावधान है या फिर नगर निगम ने ऐसा कोई आदेश जारी किया है।

मेयर डा. अजय तिर्की ने कहा कि यदि रसीद सही होगी और सब्जी उत्पादक किसानों से नियमों के विपरीत कमीशन वसूल किया जा रहा होगा तो अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। बैठक में प्रतीक्षा बस स्टैंड में अवैध तरीके से नौ गुमटी लगाने का मामला भी सामने आया। इस पर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही गई।

प्रशासनिक जांच के बाद जारी हो प्रमाण पत्र

सामान्य सभा की बैठक में एक प्रस्ताव लाया गया था जिसमें 20 लोगों को उनके शपथ पत्र के आधार पर जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी करने अनुशंसा का उल्लेख किया गया था। विपक्ष की ओर से भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने इसका विरोध किया। उन्होंने लिखित में आपत्ति दर्ज कराई। विपक्ष का कहना था कि पहले प्रशासनिक स्तर पर जांच करा ली जाए कि संबंधित व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज और शपथ पत्र की वैधानिकता कितनी है। प्रशासनिक जांच के बाद संबंधित व्यक्तियों को जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी करने की अनुशंसा की जानी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर बहस भी हुई।

हस्तांतरण से पहले कालोनियों की होगी जांच

नगर निगम क्षेत्र में विकसित 11 कलोनियों में निगम प्रशासन द्वारा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने, कुछ कालोनियों में अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन का विस्तार कराने को लेकर पूर्व मेयर व नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह परिपाटी ठीक नहीं है। अवैध निर्माण के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। कालोनियों में सुविधाएं विकसित करने का काम कालोनाइजर एक्ट की महत्वपूर्ण कड़ी है।

लोक निर्माण विभाग के प्रभारी सदस्य शफी अहमद ने कहा कि कालोनियों को आधिपत्य में लेने से पहले उसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने जिन 10 कालोनियों को निगम को हस्तांतरित करना है उन सभी की बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए। पूर्व में हस्तांतरित 11 कालोनियों में जन सुविधा विस्तार के कार्यों में कमी होने की स्थिति में जांच और कार्रवाई का निर्देश उन्होंने दिया है।