प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 2 लाख से ज्यादा हो गई और रायपुर में भी कोरोना मरीज 50 हजार के करीब पहुंच रहे हैं। अब तक साढ़े 42.3 हजार केस मिल चुके हैं। अभी संक्रमण थोड़ा कम नजर आता है, लेकिन देश-दुनिया में सर्दी की वजह से कोरोना फिर ताकतवर होकर लौटा है। रायपुर में शाम के बाद हल्की ठंड आ गई है, त्योहार की वजह से पूरे शहर में भीड़ बढ़ गई है। ऐसे में राजधानी के लोगों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए, बता रहे हैं रायपुर मेडिकल कालेज के डीन डा. विष्णु दत्त :
सर्दी के मौसम में खुद को जाड़े से बचा लें तो इससे ही काफी राहत
कोरोना की वापसी की आशंका बढ़ रही है, इसलिए आने वाले ठंड के मौसम में बेहद जरूरी है कि खुद को जाड़े से बचाया जाए। इसके लिए वही तरीके अपनाए जाएं, जो हम पहले से करते आ रहे हैं। जैसे, स्वेटर-जैकेट पहनना जिससे सीने और शरीर में ठंडी हवा न लगे और बीच-बीच में गर्म पानी पीते रहना। अभी जरूरी यह है कि घर से बाहर निकलें तो गर्म कपड़े ही पहनकर। आमतौर पर देखा जाता है कि लोग एक ही स्वेटर, जैकेट को बहुत दिन तक पहनते हैं। इस बार कोरोना है, इसलिए यह आदत बदलनी होगी। इसका कारण भी है। अगर आप बाजार या किसी सार्वजनिक जगह पर जाते हैं तो वहां ड्रॉपलेट्स के जरिए गर्म कपड़ों में कोरोना वायरस चिपककर घर तक आ सकता है। इसलिए जरूरी है कि जिस भी गर्म कपड़े को बाहर पहनकर ऐसी जगहों पर जाएं, उसे धोकर या फिर दिनभर धूप में रखकर दोबारा पहनें।
आम फ्लू से रहें एलर्ट, सर्दी-खांसी और बुखार की न करें अनदेखी
सर्दी से बचाव इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कोरोना के लक्षण आम फ्लू या सर्दी के लक्षण एक जैसे ही हैं। अगर सर्दी-खांसी और बुखार हो तो यह मत सोचें कि मौसमी सर्दी होगी। ऐसे में कोरोना की जांच करवाना बुरा नहीं है। किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आएं, जो कोरोना संक्रमित पाया गया है और संपर्क में आए 5 दिन नहीं बीते हों और लक्षण लग रहे हों तो उस स्थिति में भी जांच करवाएं। अभी तक यह देखा गया है कि चार दिन के अंदर संक्रमण किसी भी मरीज को गंभीर स्थिति में भी पहुंचा सकता है। अब तो जांच भी कठिन नहीं है। रायपुर में ही दर्जनभर से ज्यादा जगह निशुल्क कोरोना जांच की व्यवस्था है। यहां तक कि आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट भी 24 घंटे में मिल रही है। एंटीजन की रिपोर्ट तो कुछ देर में ही मिल जाती है, इसलिए टेस्ट करवाना आसान है।
भास्कर – ठंड में घर पर इलाज करवाएं या अस्पताल जाएं?
होम आइसोलेशन की मंजूरी डाक्टर ही देते हैं। घर पर इलाज की सुविधा ऐसे मरीजों के लिए है जिन्हें कोई लक्षण नहीं है, यानी एसिंप्टोमैटिक मरीज। गाइडलाइन ही है कि ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही गंभीर बीमारियां हैं, जिनकी उम्र ज्यादा है और गर्भवती महिलाएं, इन सभी को अस्पताल जाना है। अभी ठंड के मौसम में सर्दी-खांसी, फ्लू बढ़ता है, इसलिए अब सावधानी ज्यादा जरूरी है। ऐसे लोग जिन्हें इन लक्षणों के अलावा डायरिया, लगातार सिरदर्द या उल्टी हो रही है, उन्हें भी कोरोना पाजिटिव होने के बाद इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। आने वाले मौसम में घर में इलाज के दौरान बहुत सावधानी बरतनी जरूरी है। थोड़ी सी भी तकलीफ लगे तो अपने डाक्टर से सलाह जरूर लें।
होम आईसोलेशन का रिकार्ड
- प्रदेश – 96 हजार से ज्यादा मरीज स्वस्थ हुए
- रायपुर – 16500 से ज्यादा मरीज स्वस्थ
अस्पतालों का ट्रैक रिकॉर्ड
- प्रदेश – साढ़े 78 हजार से ज्यादा अस्पतालों में ठीक
- रायपुर – साढ़े 18 हजार से ज्यादा अस्पतालों में ठीक