Home News चीन को सबक सिखाने पश्चिमी मोर्चे को लगातार मजबूत कर रही वायुसेना

चीन को सबक सिखाने पश्चिमी मोर्चे को लगातार मजबूत कर रही वायुसेना

13
0

पाकिस्तान और चीन की धोखेबाजी को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायुसेना ने करीब डेढ़ साल पहले ही वेस्टर्न फ्रंट यानी पश्चिमी मोर्चे को को मजबूत करना शुरू कर दिया था. यही कारण है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना हर स्थिति का सामना करने को तैयार है.

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना हर मोर्चे पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मुकाबला करने को तैयार है. चीन और पाकिस्तान की चालबाजी को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने डेढ़ साल पहली ही पश्चिमी मोर्चे पर अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी थी.

चीन को सबक सिखाने के लिए वेस्टर्न फ्रंट यानी पश्चिमी मोर्चे को चिनूक, अपाचे और राफेल के जरिए और भी ताकतवर बना दिया गया है. चंडीगढ़, पठानकोट और अंबाला वायुसेना बेस में तैनात इन ताकतवर लड़ाकू विमान के जरिए भारत किसी भी दुश्मन को सबक सिखा सकता है.

चिनूक हेलीकॉप्टर: चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से भारतीय वायुसेना चीन को मुंहतोड़ जबाब दे सकती है. लद्दाख में कई इलाकों में जब रोड बनाने का काम शुरू हुआ तब इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया. भारत की ओर से सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 15 सीएच-47एफ़ चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया गया था. बता दें कि ये सौदा 8,048 करोड़ रुपये का था. इस हेलीकॉप्टर की खास बात ये है कि ये भारी से भारी समान को ले जाने में सक्षम है और इसे छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतारा जा सकता है.

अपाचे हेलीकॉप्टर: अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दुश्मन से जंग के समय भारतीय वायुसेना की मदद के लिए किया जा सकता है. इस हेलीकॉप्टर को अमेरिका की कंपनी बोइंग ने तैयार किया है. इस हेलीकॉप्टर की खास बात ये है कि इनके पंखों का फैलाव 17.15 फीट तक होता है और इनकी ऊंचाई 15.24 फीट है. अपाचे हेलीकॉप्टर में दो हाई परफॉर्मेंस टर्बोशाफ्ट इंजन लगे होते हैं जो इसे और ताकतवर बनाते हैं. अपाचे हेलीकॉप्टर की खास बात ये है कि ये हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइलें, रॉकेट और ऑटोमेटिक कैनन गन ले जाने में सक्षम है. इस वजन 6838 किलोग्राम होता है और ये अधिकतम 279 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है.

राफेल लड़ाकू विमान: राफेल विमान को सभी विमानों का महाबली भी कहा जाता है. ये किसी भी जंग की स्थिति से निपटने में सक्षम कॉम्बैट फाइटर जेट है. इस लड़ाकू विमान की खास बात ये है कि ये ग्राउंड सपोर्ट, डेप्थ स्ट्राइक और एंटी शिप अटैक में सक्षम है. इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से  लगाया जा सकता है कि ये छोटे न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं. राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है.