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छत्तीसगढ़ में बारिश का कहर : प्रदेश में 12 हजार मकान टूटे; 6 हजार लोग…

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छत्तीसगढ़ में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बारिश रायपुर, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर और रायगढ़ में रिकॉर्ड की गई है। करीब 12 हजार मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 6 हजार लोग बेघर हुए हैं। प्रशासन की ओर से रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत कैंप में पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हालात की समीक्षा की है।

ये तस्वीर जांजगीर जिले के शबरीनारायण की है। बारिश के कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। महानदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हीराकुंड बांध का गेट खोल दिया गया है।

ये तस्वीर जांजगीर जिले के शबरीनारायण की है। बारिश के कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। महानदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हीराकुंड बांध का गेट खोल दिया गया है।

रायगढ़ और जांजगीर-चांपा : महानदी खतरे के निशान से ऊपर
जांजगीर में महानदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हीराकुंड बांध का गेट खोल दिया गया है। बारिश से 4 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ प्रभावित 2091 लोगों को 45 राहत शिविरों में भेजा गया है। वहीं, रायगढ़ में बरमकेला के 18 और पुसौर क्षेत्र के 9 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। जिले में 21 राहत कैंप में 2389 लोगों को रखा गया है।

जांजगीर- पामगढ़ के बीच बन रही सड़क पर बनाया गया पुल बारिश से टूट गया। इसके चलते आवागमन बाधित है। बारिश से 4 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ प्रभावित 2091 लोगों को 45 राहत शिविरों में भेजा गया है।

जांजगीर- पामगढ़ के बीच बन रही सड़क पर बनाया गया पुल बारिश से टूट गया। इसके चलते आवागमन बाधित है। बारिश से 4 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ प्रभावित 2091 लोगों को 45 राहत शिविरों में भेजा गया है।

बलौदाबाजार : 26 गांव बाढ़ प्रभावित, 35 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
बलौदाबाजार में बारिश के कारण 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है। यहां 24 कैंपों में 1393 लोगों को पहुंचाया गया है। कलेक्टर ने बताया कि बाढ़ में फंसे 35 लोगों को सुरक्षित निकाल कर राहत शिविर में भेजा गया है। बैठक में बताया गया है कि जांजगीर-चांपा, रायगढ़, राजनांदगांव और बलौदाबाजार में कहीं-कहीं बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है।

ये तस्वीर राजनांदगांव के मोहारा नदी पर बने एनीकट के पास की है। पानी का उफान ज्यादा होने से घुमका गांव का संपर्क कट गया है। प्रशासन की ओर से बैरिगेट लगाकर लोगों को जाने से रोका जा रहा है।

ये तस्वीर राजनांदगांव के मोहारा नदी पर बने एनीकट के पास की है। पानी का उफान ज्यादा होने से घुमका गांव का संपर्क कट गया है। प्रशासन की ओर से बैरिगेट लगाकर लोगों को जाने से रोका जा रहा है।

राजनांदगांव : खैरागढ़ में आमनेर नदी के पुल के ऊपर पानी
राजनांदगांव-कवर्धा मार्ग बंद है। खैरागढ़ स्थित आमनेर नदी के पुल के ऊपर पानी बह रहा है। शिवनाथ नदी के किनारे की बस्तियों में पानी भर गया है। जिले के मोंगरा बैराज, सूखा नाला और घुमरिया बैराज से 38 हजार क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा गया। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 219 राहत कैंप संचालित किए जा रहे हैं। वहीं, 11942 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

ये राजनांदगांव से बालोद जाने वाला मार्ग पर स्थित मोहारा का छोटा पुल है। इसमें 8 फीट पानी ऊपर बह रहा है। इसके कारण यहां से आवाजाही पूरी तरह से बंद है। हालांकि, एक छोटे पुल से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

ये राजनांदगांव से बालोद जाने वाला मार्ग पर स्थित मोहारा का छोटा पुल है। इसमें 8 फीट पानी ऊपर बह रहा है। इसके कारण यहां से आवाजाही पूरी तरह से बंद है। हालांकि, एक छोटे पुल से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कैंप में भोजन, पानी, स्वास्थ्य व्यवस्था के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार देर शाम हालात की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर से बारिश और बाढ़ से लोगों की जान बचाने और राहत कार्य के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्यधिक बारिश से कई जिलों में जन-जीवन प्रभावित हुआ है। कोविड-19 संक्रमण के साथ यह दोहरी चुनौती है। उन्होंने कैंप में लोगों के भोजन, पानी और स्वास्थ्य की व्यवस्था के निर्देश दिए।