Home News नक्सलियों को वाकी-टाकी बेचने के मामले में फंसे शहर के युवा कारोबारी...

नक्सलियों को वाकी-टाकी बेचने के मामले में फंसे शहर के युवा कारोबारी हितेश अग्रवाल को रुपयों के लालच ने जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया…..

3
0

नक्सलियों को वाकी-टाकी बेचने के मामले में फंसे शहर के युवा कारोबारी हितेश अग्रवाल को रुपयों के लालच ने जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया। कुछ साल पहले तक वह कोचिंग सेंटर चलाता था। उसके बाद उसने कारोबार की लाइन पकड़ ली। सीसीटीवी कैमरों के सप्लायर के रूप में स्थापित होने के बाद अपना व्यापार चौतरफा फैला लिया। रायपुर में श्री बालाजी सिक्यूरिटी के नाम से नया फर्म बना लिया। इस बीच मित्र ठेकेदारों के माध्यम से नक्सलियों को दोगुनी कीमत पर वाकी-टाकी सप्लाई शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि पुलिस को पूछताछ में उससे कई और अहम सुराग मिल सकते हैं। फिलहाल वह कांकेर पुलिस की रिमांड पर है।

कामठीलाइन निवासी हितेश ने अपने घर पर ही 2001 में आइएसबीटी के नाम से केचिंग सेंटर की शुरुआत की थी। कुछ साल में ही उसने अपना सेंटर अच्छे से जमा लिया। बाद में एक दोस्त के साथ वीआईटी के नाम से साझेदारी में कोचिंग सेंटर खोल लिया, लेकिन यह महद हो ही साल चला और साझीदारी टूटने के साथ ही सेंटर भ बंद हो गया। 2008 के बाद हितेश ने श्री बालाजी सिक्यूरिटी के नाम से नया फर्म बनाकर कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरा और वाकी-टाकी समेत अन्य इलेक्ट्रानिक सामानों की सप्लाई शुरू कर दी।

पुलिस को भनक तक नहीं लगी

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के रूप में काम करने वाले हितेश राजनांदगांव ही नहीं बल्कि राजधानी रायपुर से भी कारोबार कर रहा था। वह दिल्ली से सामान मंगवाता और नक्सलियों को बेच देता था। शुरुआती पड़ताल में पुलिस को पता लगा है कि दो साल के भीतर उसने 25 वाकी-टाकी सप्लाई की है। आगे की जांच में और कई संगीन खुलासे हो सकते हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि नक्सलियों के लिए सामान बेचने वाले इस कारोबारी युवक के बारे में पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

रिकार्ड के मिलान से खुलेंगे राज

बताया गया कि आरोपी हितेश करीब एक दशक से इलेक्ट्रानिक सामानों की सप्लाई का काम कर रहा है।इस दौरान उसने बड़ी संख्या में वाकी-टाकी और अन्य सामान बेचा है। पुलिस उसके कारोबार का सारा रिकार्ड खंगाल रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने कितनी खरीदी की और उसे कहां-कहां बेचा। बताया जा रहा है कि ज्यादातर सामानों की बिक्री कच्चे में ही की गई है। ऐसे में यह कहां-कहां की गई, पुलिस के लिए पता लगाना जरूरी माना जा रहा है। इससे कई और राज खुलने की उम्मीद की जा रही है।

वर्सन….

अभी जांच जारी है। कड़ियां जोड़ी जा रही है, जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिल रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी भी की जा रही है। जांच में और खुलासे हो सकते हैं।