Home News पीएम मोदी नें लिया भाषण में जोगेन्द्र नाथ मंडल का नाम, जानिए...

पीएम मोदी नें लिया भाषण में जोगेन्द्र नाथ मंडल का नाम, जानिए पाक के पहले कानून मंत्री के बारे में

172
0

मल्टींमीडिया डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए जोगेन्द्र नाथ मंडल का नाम लिया और बताया कि उनको किस परिस्थितियों में पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था। उन्होंने पाकिस्तान के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन उनके हिंदू होने की वजह से उनसे भेदभाव किया गया और मुल्क के पहले कानून मंत्री होते हुए भी उनको नए बने वतन से रुखसत होते हुए घरवापसी कर भारत आना पड़ा।

जिन्ना के करीबी थे जोगेन्द्र नाथ मंडल

जोगेन्द्र नाथ मंडल पाकिस्तान संस्थापकों में से एक थे। वह कानून मंत्री के साथ राष्ट्रमंडल और कश्मीर मामलों के दूसरे मंत्री भी थे। वो अनुसूचित जाति से आते थे। जोगेन्द्र नाथ मंडल का जन्म पूर्वी बंगाल में हुआ था। सन 1939-40 में वो उनकी नजदीकियां कांग्रेस से रही, लेकिन जल्द ही उनका कांग्रेस से मोह भंग हो गया और मुस्लिम लीग से जुड़ गये। 1946 में ब्रिटिश राज में जब अंतिम सरकार बनी तो मुस्लिम लीग ने जोगेंद्र नाथ मंडल का नाम भेजा । मंडल को जिन्ना का करीबी माना जाता था। पाकिस्तान निर्माण के कुछ समय बाद गैर मुस्लिमों के लिए पाकिस्तान में हालात काफी खराब हो गए। जोगेन्द्र नाथ मंडल ने इसके खिलाफ जब आवाज उठाई तो उनकी देशभक्ति पर संदेह किया जाने लगा । जिन्ना की मौत के बाद उनके लिए हालात और खराब हो गए। पाकिस्तान बनने के दो साल में मंडल को यह समझ में आ गया कि पाक में हिंदूओं का जीना दूभर है और 8 अक्टूबर, 1950 को लियाकत अली के मंत्री मंडल से इस्तीफा देकर वह अपने वतन वापस लौट आए।

मंडल का पाक सरकार को ऐसा था जवाब

जोगेंद्र नाथ मंडल ने अपने इस्तीफे में दलितों पर अत्याचार का खास जिक्र किया था उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि कलकत्ता के नोआखली नरसंहार में कई हिन्दुओ की हत्याएं हुई, सैकड़ों ने इस्लाम कबूल लिया । हिंदू महिलाओं का बलात्कार और अपहरण किया गया ।लेकिन फिर भी मैंने मुस्लिम लीग के साथ सहयोग जारी रखा । पाकिस्तान के अस्तित्व में आने बाद दलितों पर अत्याचार काफी बढ़ गए हैं। कई बार इस ओर ध्यान दिलाया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हत्या और अत्याचार आम हो गया है। मैंने अपने आप से पूछा, ‘क्या मै इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान आया था ।”

विभाजन के बाद ‘ईस्ट बंगाल के 5 लाख हिन्दुओ को देश छोड़ना पड़ा है। पूर्वी पाकिस्तान के साथ पश्चिमी पाकिस्तान में भी ऐसे ही हालात हैं ।बटवारे के बाद पश्चिमी पंजाब में 1 लाख पिछड़ी जाति के लोग रह रहे थे उनमे से ज्यादातर को बलपूर्वक इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है । मुझे जानकारी मिली है 363 मंदिरों और गुरूद्वारे मुस्लिमों के कब्जे में हैं । इनमे से कुछ को मोची की दुकान, कसाईखाना और होटलों में बदल दिया है। इसलिए मैं झूठे दिखाबे और असत्य के बोझ को अपनी अंतरात्मा पर नहीं लाद सकता हूं और अपना इस्तीफा आपको सौंप रहा हूं। अपना इस्तीफा पाक सरकार को सौंपने के तुरंत बाद जोगेन्द्र नाथ मंडल भारत लौट आए और 5 अक्टूबर, 1968 को पश्चिम बंगाल में उनका निधन हो गया।