सूर्य की असली सतह का खुलासा हो गया है. पहली बार उसकी सतह की तस्वीरें सामने आईं हैं. इन तस्वीरों में सूर्य की सतह सोने की तरह चमकीली और मधुमक्खी के छत्ते की तरह लग रही है. जो लगातार फैलती और सिकुड़ती हुई दिख रही है. ये तस्वीरें हवाई द्वीप के डेनियल के इनोये सोलर टेलिस्कोप ने जारी की हैं. इस टेलिस्कोप को दुनिया का सबसे बड़ा माना जाता है.
टेलिस्कोप ने पहली बार सूर्य को निहारा है. इसके साथ वो उसकी सतह तक झांकने में कामयाब रहा है. जिसे सूर्य के आग उगलते गोले के कारण असंभव मान लिया गया था.
रिपोर्ट कहती है कि सूर्य की सतह का पैटर्न मधुमक्खी के छत्ते के सेल की तरह है. ये सेल पूरे सूर्य की सतह पर नजर आते हैं. जब ये सिकुड़ते और फैलते हैं, उसी समय इनके केंद्र से प्रबल उष्मा निकलती है.
सूर्य की सतह के इन सेल में हर 14 सेकेंड में एक विस्फोट या हरकत जैसी होती है
हर सेल है सैकड़ों किलोमीटर एरिया की
बेशक चित्र में देखने से लगे कि सूर्य की सतह के प्रकोष्ठ बहुत छोटे छोटे हैं लेकिन असल में हर प्रकोष्ठ या सेल सैकड़ों किलोमीटर का है. उनका अकेले का क्षेत्रफल दुनिया के बड़े देशों से भी ज्यादा है.
हर 14 सेकेंड पर होती है उथल-पुथलइस टेलिस्कोप ने 10 मिनट का एक वीडियो भी बनाया, जिससे जाहिर होता है कि हर 14 सेकेंड में सूर्य की सतह पर एक टर्बुलेंस यानि उथल-पुथल होती है. ये वीडियो करीब 200 मिलियन वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल कवर करता है.
ये है दुनिया का वो सबसे बड़ा टेलिस्कोप, जो हवाई द्वीप में है. जिसने पहली बार ये बताया है कि सूर्य की सतह वास्तव में कैसी है
सौर विस्फोट का असर पृथ्वी पर भी पड़ता है
टेलिस्कोप से जुड़े केंद्र के खगोलविदों ने का कहना है कि पहली बार सूरज की सतह की ऐसी तस्वीरें जारी की जा रही हैं. जो बताती है कि सूर्य की सतह कितनी क्रियाओं और सक्रियताओं से भरी हुई है. इसमें सौर विस्फोट होते रहते हैं, जिसका असर पृथ्वी पर भी पड़ता है.
पहले माना जाता था कि जब सूर्य के अंदर के सतह की तस्वीर सामने आएगी तो वो बहुत ढेर सारे बिंदुओं का गुच्छा होगी लेकिन तस्वीर में वो तमाम छोटी-छोटी संरचनाओं में नजर आ रही है.
सूर्य के बारे में सबसे बड़ी खोज
सूर्य की सतह की तस्वीरें लेने वाली दूरबीन दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन मानी जाती है. शोधकर्ताओं ने जो तस्वीरें जारी की हैं उनके मुताबिक सूर्य की सतह सुनहरी-नारंगी दिख रही है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि टेलीस्कोप द्वारा जुटाए डाटा की मदद से सूर्य के बाहरी वायुमंडल (कोरोना) में चुंबकीय क्षेत्रों को मैप करने में मदद मिलेगी.
जब हवाई के विशाल टेलिस्कोप में कई और उपकरण लग जाएंगे तब ये सूर्य की अंदरूनी गतिविधियों को ज्यादा दमदार तरीके से देख पाएगा और ये बताएगा सूर्य पर होने वाली उथल-पुथल का असर पृथ्वी पर किस कदर होता है
हवाई में खगोल विज्ञान संस्थान के जेफ कून कहते हैं, “यह वास्तव में वैज्ञानिक गैलिलियो के समय के बाद जमीन से सूर्य का अध्ययन करने की मानवता की सबसे बड़ी छलांग है. यह एक बड़ी उपलब्धि है.” गैलिलियो ने ही दावा किया था कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है.
कुछ समय बाद और पॉवरफुल हो जाएगी ये टेलिस्कोप
तस्वीर लेने वाला टेलीस्कोप हवाई द्वीप माउई पर स्थित है. अगले कुछ महीनों में यह टेलीस्कोप और अधिक प्रभावशाली हो जाएगा जब उसमें कुछ और उपकरण जोड़ दिए जाएंगे. यह दूरबीन सूरज के चुंबकीय क्षेत्र के विस्तार के अध्ययन में मददगार साबित हो सकता है. इससे ये भी पता लग सकेगा कि सूर्य किस तरह से पृथ्वी पर असर डालता रहता है.