यूपी एटीएस (UP ATS) ने बताया कि वर्ष 2018 में वाराणसी से गिरफ्तार राशिद जब पाकिस्तान (Pakistan) में था, तब आईएसआई (ISI) ने उससे संपर्क किया था.
लखनऊ. मिलिट्री इंटेलिजेंस की सूचना पर यूपी एटीएस (UP ATS) ने वाराणसी से आईएसआई एजेंट राशिद (ISI Agent Rashid) को गिरफ्तार किया है. मूल रूप से चंदौली का रहने वाला राशिद वाराणसी में पोस्टर बैनर लगाने का काम करता है. एटीएस के अनुसार, राशिद की रिश्तेदारी पाकिस्तान में है. साल 2017 और 2018 में राशिद पाकिस्तान गया था. राशिद से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे होने के दावे किए गए हैं.
भारतीय नंबर से व्हाट्सएप ग्रुप चला रही ISI
एटीएस के अनुसार, वर्ष 2018 में जब राशिद पाकिस्तान में था, तब आईएसआई ने उससे संपर्क किया था. आईएसआई ने राशिद से दो भारतीय सिम खरीद कर उसका ओटीपी मांगा था. ओटीपी लेकर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंटों ने उस नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट किया और राशिद को सिम कार्ड तोड़ने को कहा था. उसी भारतीय सिम कार्ड के व्हाट्सएप पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अपना एजेंडा चला रही है. एटीएस के अनुसार, उस सिम कार्ड पर तमाम भारतीय लोगों को जोड़कर भड़काऊ सामग्री भेजी जा रही है. व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े लोग उसे भारतीय नंबर समझते हैं, लेकिन उसका आपरेटर पाकिस्तान में बैठा है.

वाराणसी का पकड़ा गया आईएसआई एजेंट राशिद
जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी जुटा रहा था राशिद
पुलिस की मानें तो आईएसआई के कहने पर राशिद ने वाराणसी कैंट और सीआरपीएफ (अमेठी) की तस्वीरें आईएसआई को भेजी थी. इसके बाद आईएसआई ने पेटीएम के जरिए राशिद के करीब पांच हजार रुपये भेजे राशिद तक पहुंचाए गए. अब आईएसआई ने राशिद से जोधपुर में भारतीय सेना के मूवमेंट जानकारी मांगी थी. राशिद जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी लेने में जुटा था, तभी मिलिट्री इंटेलिजेंस ने उसको पहचान लिया. मिलिट्री इंटेलिजेंस ने ये जानकारी यूपी एटीएस को दी. इसके बाद एक ऑपरेशन के तहत राशिद की गिरफ्तारी हुई.