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आदिवासी हॉस्टल में रैगिंग का मामला: सालों बाद होश में आई सरकार, दिया ये बड़ा आदेश

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शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई ने रैगिंग की बढ़ती घटनाओं पर छात्रावास अधीक्षकों की बैठक ली.

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में पिछले दो दिनों में आदिवासी छात्रावासों (Adivasi Hostel) में रैगिंग (Ragging) की दो घटनाएं सामने आने के बाद शासन-प्रशासन की नींद टूटी है. स्कूल शिक्षामंत्री के निर्देश के बाद रायपुर में आनन-फानन में हॉस्टल वार्डनों (Hostel Warden) की बैठक शुक्रवार को बुलाई गई. इस अहम बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम (Minister Premsai Singh Tekam) ने तमाम सरकारी हॉस्टल में एंटी रैगिंग सेल गठित करने का आदेश दिया है. शिक्षा मंत्री  के निर्देश के बाद अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई ने रैगिंग की बढ़ती घटनाओं पर छात्रावास अधीक्षकों की बैठक ली.

बैठक में जिले के लगभग सभी हॉस्टलों के वार्डन मौजूद रहे. बैठक में रैगिंग को लेकर वार्डन्स को सतर्कता बरतते हुए इस संबंध में किसी की तरह कोई लापरवाही नहीं बरतने को लेकर सचेत किया. आपको बता दें  कि राजधानी में डंगनिया स्थित पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में रैगिंग की घटना सामने आने के बाद अधिकारियों ने छात्रावास में जाकर जांच की थी, जिसमें लापरवाही पाने पर जिम्मेदारी को फटकारा था, वहीं अधीक्षक के निलंबन की सिफारिश की थी. कलेक्टर ने सिफारिश को स्वीकार करते हुए अघीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

ये है पूरा मामला

मालूम हो कि राजधानी रायपुर के डीडी नगर स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के पोस्ट मैट्रिक ट्राइबल बॉयज हॉस्टल में रैगिंग के बाद पेंशनबाड़ा के ट्राइबल छात्रावास में भी रैंगिंग का मामला सामने आया था. पीड़ित छात्रों ने सिटी कोतवाली थाने में इस मामले की लिखित में शिकायत की थी. छात्रों का आरोप है कि सीनियर छात्रों द्वारा उनके साथ रैगिंग की जा रही है. छात्रों ने मारपीट का भी आरोप लगाया था.