छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में अब तक बेघरों की जिंदगी बसर कर रहे लोगों को जमीन पर मालिकाना हक मिलेगा। जिले के करीब 8000 से अधिक ऐसे लोगों को आवासीय पट्टा बांटा जाएगा। ये ऐसे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए घर बनाने स्वयं की जमीन नहीं है या वे अतिक्रमण कर घर बना कर रह रहे हैं। इसमें स्थायी पट्टों की संख्या 5 हजार 515 और प्रस्तावित अस्थायी पट्टे 2690 शामिल हैं। माना जा रहा है कि आचार संहिता दिसंबर में ही लगेगी, इससे पहले राज्य सरकार महत्वपूर्ण योजनाओं को जमीनी स्तर पर लाभ देना चाह रही है, इन्हीं योजनाओं में एक राजीव गांधी आश्रय योजना है।
निगम चुनाव में मिलेगा फायदा
- जानकारों की मानें तो स्थाई और अस्थाई पट्टा मिलने का सीधा फायदा कांग्रेस की सरकार को नगरीय निकाय चुनावों में मिलेगा। योजना का कॉन्सेप्ट नगरीय निकाय क्षेत्रों में जमीनविहीन लोगों को घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराना है। इसके लिए सर्वे का काम पहले ही कराया जा चुका है। जिले की चार नगर पालिका और 11 नगर पंचायतों में 8 हजार 205 लोगों को इसके लिए चुना गया है। पट्टे के लिए उन्हें नगर पंचायत में पांच रुपए और नगर पालिका में 10 रुपए विकास शुल्क तय किया गया है। झुग्गी वासी जिन्हें अन्यत्र बसाया गया है, उन्हें अस्थायी पट्टे दिए जाएंगे। सरकार ने पट्टा बांटने के लिए 25 नवंबर आखिरी तिथि तय कर दी है।
- 19 नवंबर को निवासरत झुग्गीवासियों का स्थायी पट्टा दिया जाएगा। पट्टा वितरण के संबंध में कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने तीसरे शनिवार को छुट्टी होने के बाद भी राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने रविवार को भी अधिकारियों की बैठक लेकर समय सीमा में काम पूरा करने का निर्देश दिए है। इससे समझा जा सकता है कि पट्टा वितरण सरकार के लिए कितना महत्वपूर्ण है। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि 20 अगस्त 2017 से पूर्व अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकृत अधिकारी द्वारा नोटिस जारी की जाएगी। नगर पालिका क्षेत्र में 1200 वर्गफुट तथा नगर पंचायत क्षेत्र में 1500 वर्गफुट तक मान्य किया जाएगा।