राज्य सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के बाद भी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हाथियों के कारण होने वाली मौतों (Death) का सिलसिला थम नहीं रहा है. ताजा मामला कोरबा (Korba) जिले का है. जिले कटघोरा वनमंडल के पिपरिया गांव की रहने वाली बुधवारिया बाई शुक्रवार सुबह मशरूम तोड़ने जंगल गई थी. कहा जा रहा है कि इलाके में 40 हाथियों का दल घूम रहा था. इस दौरान एक दंतैल हाथी ने महिला पर हमला (Attacked) कर दिया. हाथी ने महिला को ऐसा रौंदा की उसकी मौके पर ही मौत (Death) हो गई. वहीं एक अन्य बुजुर्ग शख्स जीतराम पर भी हाथी ने हमला कर घायल कर दिया. घायल बुजुर्ग शख्स का इलाज किया जा रहा है. हाथियों के हमले से गांव में दहशत का माहौल है.
हाथियों (Elephant) की वजह से होने वाली मौतों के मामले में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) देश में चौथे नंबर पर है. लोकसभा (Lok Sabha) में प्रस्तुत एक आंकड़े के मुताबिक पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ में 204 से अधिक लोगों की मौत हाथियों के कुचलने से हुई है. चौकाने वाली बात यह है कि 2021 की जनगणना के मुताबिक कर्नाटक में सबसे ज्यादा हाथी पाए गए थे. इसके बाद भी यहां केवल 83 मौतें ही दर्ज हुई हैं. छत्तीसगढ़ की तुलना में कर्नाटक में मौतों का आंकड़ा करीब 40 प्रतिशत कम है.
बस्तर सांसद ने उठाया था सवाल लोकसभा में बस्तर सांसद दीपक बैज (Bastar MP Deepak Baij) ने सवाल किया था, जिसके जवाब में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supreeyo) ने बताया कि तीन सालों में देश में कुल 1474 लोग मारे गए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में 2016-17 में 74,2017-18 में 74 और 31 मार्च 2019 की स्थिति में 56 लोगों की मौत हुई है. 1 अप्रैल से अब तक पांच से अधिक लोगों की मौत हाथियों के हमले में हो गई है. तीन सालों में मौतें असम-274, ओड़िसा 243, झारखंड 230, छत्तीसगढ़ 204 पश्चिम बंगाल 202 हुई हैं. छत्तीसगढ़ राज्य सरकार हाथी रहवासी क्षेत्रों के विकास और प्रोजेक्ट एलीफेंट के नाम पर पिछले दस साल में करीब 64 करोड़ रुपए राशि खर्च की है. साल 2017-18 में सर्वाधिक 1307 लाख रूपए खर्च किए गए है. इसके बाद भी मौतौं की संख्या में कमी होते नहीं दिख रही है.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के पुलिस परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. बीते गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कई ऐलान किए. इसके तहत ही कोरबा में लेमरू एलीफेंट रिजर्व बनाने का ऐलान किया गया. 450 वर्ग किलोमीटर घनघोर जंगलों वाले लेमरू वन परिक्षेत्र में एलिफेंट रिजर्व बनेगा. इसकी घोषणा के साथ ही सीएम भूपेश बघेल ने कहा- हाथियों (Elephant) की आवा-जाही से कई बार जान-माल की हानि होती है. इसकी एक बड़ी वजह है, हाथियों को उनकी पसंदीदा जगह पर रहने की सुविधा नहीं मिल पाना भी है. इस दिशा में भी हमने गंभीरता से विचार किया है और आज मैं ‘लेमरू एलीफेंट रिजर्व’ (Lemru Elephant Reserve) की घोषणा करता हूं.