मध्य प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ हो जाएंगे. इससे डेढ़ करोड़ आदिवासियों को लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज शुक्रवार 9 अगस्त को छिन्दवाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बताया कि सरकार ने इसके लिए सभी औपचारिक व्यवस्थाएं कर ली है. सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में यह कर्ज 15 अगस्त तक माफ होना शुरू हो जाएंगे. कमल नाथ ने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जायेगा.
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने 148 करोड़ 64 हजार
रुपये लागत के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और 32 करोड़ 6 लाख 94 हजार
रुपये लागत के निर्माण कार्यो का लोकार्पण भी किया. उन्होंने आदिवासी
संस्कृति पर केन्द्रित प्रदर्शनी का लोकार्पण कर उसका अवलोकन भी किया. साथ
ही विभिन्न आदिवासी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के साथ ही उन्हें लेपटॉप,
नियुक्ति पत्र, लाइसेंस और चैक आदि भी प्रदाय किये .
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कई ऐतिहासिक कामों का खुलासा किया.
उन्होंने साहूकारों से लिए कर्ज माफ करने के संबंध में कहा कि किसी आदिवासी ने कर्ज लेने के लिए अपनी जेवर, जमीन गिरवी रखी है तो वह भी उन्हें वापिस होंगे . मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में कोई साहूकार अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी करेगा तो उसे लायसेंस लेकर नियमानुसार धंधा करना होगा. मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर बगैर लायसेंस के किसी ने अनुसूचित क्षेत्रों में साहूकारी का धंधा किया तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसे गैरकानूनी माना जायेगा. यह कर्ज आदिवासी नहीं चुकाएंगे.
डेबिट कार्ड देंगे और हर हाट में खोलेंगे एटीएम
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि प्रदेश के 89 अनुसूचित क्षेत्र के विकासखंडों के आदिवासियों को साहूकारों से मुक्त कराने के लिए सरकार उन्हें रुपे, डेबिट कार्ड देगी. इसके जरिए वे जरूरत पडऩे पर दस हजार रुपये तक एटीएम से निकाल सकेंगे. उन्होंने बताया कि हर हाट बाजार में एटीएम खोले जायेंगे.
खारिज वनाधिकार प्रकरणों का परीक्षण होगा
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिन भी आदिवासियों के वनाधिकार के प्रकरण खारिज हुए हैं, उनका पुनरीक्षण किया जायेगा और पात्र होने पर उन्हें वनाधिकार पट्टा दिया जाएगा. श्री नाथ ने कहा कि जहां भी वनाधिकार प्रकरण संबंधी आवेदन लंबित है, उनका अभियान चलाकर निराकरण किया जायेगा.
मुख्यमंत्री मदद योजना
आदिवासी समाज में जन्म और मृत्यु के समय होने वाले रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए कमल नाथ ने योजना मदद मुख्यमंत्री का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी परिवार में अगर बच्चा या बच्ची का जन्म होता है तो उस परिवार को 50 किलो चावल अथवा गेहूँ दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह अगर किसी आदिवासी परिवार में मृत्यु होती है तो उस परिवार को एक क्विंटल चावल अथवा गेहूँ दिया जाएगा. इस मौके पर खाना बनाने के लिए उन्हें बड़े बर्तन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे.
इस मौके पर जिले के सांसद श्री नकुल नाथ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1995 में विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया है तथा मध्यप्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों सहित छिन्दवाड़ा में ऐतिहासिक रूप से पहली बार विश्व आदिवासी दिवस को त्यौहार के रूप में मनाया जा रहा है. कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री निलेश उईके, कमलेश शाह व सुनील उईके और पूर्व विधायक जतन उईके ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर नगर निगम महापौर श्रीमती कांता सदारंग, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, विधायक सोहनलाल वाल्मीक और सुजीत चौधरी, गंगाप्रसाद तिवारी और अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा तथा बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरूष और नागरिकगण उपस्थित थे .