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मुसीबत में पूर्वोत्तर के लोगों की जान,19 की मौत, 5 राज्यों में बाढ़ का कहर

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असम में बाढ़ का कहर जारी है। राज्य के 25 जिलों के 2217 गांव के 14,06,711 लोग प्रभावित हैं। राहत और बचाव के लिए 62 राहत शिविर और 172 राहत वितरण केंद्र बनाए गए हैं। बारपेटा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां पांच लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया गया।

मेघालय के डेमडेमा ब्लॉक के 50 गांवों के 57,700 लोग और सेलेसेला ब्लॉक के 104 गांवों के 66,400 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। अधिकारियों ने कहा कि असम से बहने वाली ब्रह्मपुत्र और जिंजीराम नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण जिले के निचले इलाके जलमग्न हैं। राजधानी शिलांग के निचले इलाकों में भी बाढ़ जैसे हालात हैं।

पूर्वी खासी हिल्स जिले के उपायुक्त एम डब्ल्यू नोंगबरी ने सोमवार को कहा कि शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। एक अधिकारी ने कहा कि मेघालय सरकार ने रविवार को वेस्ट गारो हिल्स जिले के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सात दिन की ग्रैच्युटी रिलीफ (जीआर) की घोषणा की है। फूलबाड़ी के विधायक एसजी एस्मातुर मोमिनिन ने कहा कि मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।

बारिश और भूस्खलन के कारण त्रिपुरा और मिजोरम का देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग से संपर्क टूट गया है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अगरतला के बाहरी इलाकों, जिरानिया, कल्याणपुर और पश्चिमी त्रिपुरा के तेलयामुरा स्थित 38 राहत शिविरों में 12,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के कर्मियों ने रविवार को त्रिपुरा के ट्लांग नदी में डूबे दो युवकों के शव बरामद किए।

वहीं, बिहार में बाढ़ से नौ जिलों के करीब 18 लाख प्रभावित हैं। राज्य में रविवार को चार लोगों की मौत हो गई। बिहार में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, मेघालय में हफ्तेभर से हो रही बारिश और नदियों में बाढ़ आने से वेस्ट गारो हिल्स जिले के करीब 1.14 लाख लोग मुश्किल में हैं। यहां पांच नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कई जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज समेत नौ जिलों के 55 प्रखंडों में बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी है। कुल 17 लाख 96 हजार 535 लोग प्रभावित हैं।