राजनांदगांव। छुरिया विकासखंड के ग्राम तेलगान की कहानी उन ग्रामीणों क्षेत्रों के लिए मिसाल है, जहां शासन की जल जीवन मिशन योजना से जीवन स्तर ने केवल उन्नयन हुआ है, बल्कि वहां के ग्रामीणों को नयी उम्मीद भी दी है। जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 45 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत खुर्सीपार के आश्रित ग्राम तेलगान में 348 परिवार निवास करते है। ग्राम तेलगान के ग्रामीणों की आजीविका का साधन मुख्यतः कृषि और मजदूरी पर ही निर्भर है। पहले गांव में पानी की काफी समस्या थी और पेयजल का एकमात्र स्रोत हैंडपंप था। गांव के सरपंच महेश यादव ने बताया कि ग्राम तेलगान के ग्रामीण लम्बे समय से पेयजल के लिए संघर्ष कर रहे थे। हैंडपम्पों से पानी निकालने में काफी दिक्कते आती थी। गर्मियों के दिनों में जब जलस्तर नीचे चला जाता था, तब पानी निकालना और भी मुश्किल हो जाता था। कई बार पानी भरने के लिए ग्रामीणों को लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। कई ग्रामीणों को दूर के क्षेत्रों से पानी भरकर लाना पड़ता था, जिससे उनका समय तो बर्बाद होता ही था, बल्कि मेहनत भी काफी लगती थी। पानी की कमी का सबसे ज्यादा प्रभाव गांव की महिलाओं पर पड़ता था। जिनके दिन का एक बड़ा हिस्सा पेयजल की व्यवस्था में बीत जाता था। जल जीवन मिशन के तहत ग्राम तेलगान में पाईप लाईन बिछाई गई है। अब प्रत्येक घर में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या में बहुत बदलाव आया है। जो समय पानी की व्यवस्था में लग जाता था, अब अन्य कार्यों में समय का उपयोग किया जा रहा है।



