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खैरागढ़ वनमंडल में तेंदुए के अवैध शिकार का खुलासा, वन विभाग की कार्रवाई से 7 आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार

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खैरागढ़। खैरागढ़ वनमंडल में अवैध तेंदुआ शिकार का मामला सामने आया है, जिसमें वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई कर मात्र 24 घंटे में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से तेंदुए के सभी गायब अंग और शिकार में प्रयुक्त सामग्री बरामद कर ली है।

14 दिसंबर 2025 को अपरान्ह लगभग 3.30 बजे, बीट फॉरेस्ट ऑफिसर दैहान सुनील पटले को एक स्थानीय ग्रामीण ने तेंदुए की मृत्यु की सूचना दी। तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे पटले ने मृत तेंदुए का शव पाया और वन परिक्षेत्र अधिकारी खैरागढ़ को जानकारी दी।

घटना स्थल की गंभीरता को देखते हुए वनमंडलाधिकारी खैरागढ़ दीपेश कपिल, संयुक्त वनमंडलाधिकारी और वन परिक्षेत्र अधिकारी स्थानीय वन अमले के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वृत्त एम. मर्सीबेला और मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी)/उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व रायपुर सतोविसा समाजदार भी निरीक्षण के लिए पहुंचे। राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल और डॉग स्मेल टीम की मदद से जांच शुरू की गई।

डॉग स्मेल टीम की सहायता से डोमन लाल वर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया गया। प्रारंभ में वह गुमराह करने का प्रयास करता रहा, लेकिन कड़ी पूछताछ में उसने चन्दूराम वर्मा, हेमचंद वर्मा और दीपक यादव के नाम उजागर किए। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने विद्युत करंट का उपयोग कर योजनाबद्ध तरीके से तेंदुए का शिकार किया।

जांच के दौरान शिकार में प्रयुक्त तार, खूंटियां, कुल्हाड़ी, धारदार हथियार और टूटी एयरगन बरामद की गई। दो अन्य आरोपी फिरोज निषाद और कचरू यादव के नाम भी सामने आए। तेंदुए के चारों पंजे भगवती वर्मा द्वारा खेत में छिपाए गए थे, जिन्हें वन विभाग ने बरामद किया। सभी गायब अंग सफलतापूर्वक बरामद कर लिए गए।

एनटीसी की गाइडलाइन के अनुसार, वनमंडलाधिकारी दीपेश कपिल की उपस्थिति में डॉक्टरों की टीम ने तेंदुए का शव परीक्षण और स्थल पर दाह संस्कार किया। सभी सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।

वन विभाग की यह सुनियोजित और त्वरित कार्रवाई वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहनीय है।