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“…तो अमेरिका, यूरोप को ही झेलना होगा नुकसान, विदेश मंत्री जयशंकर ने क्यों दी ये चेतावनी, समझ लीजिए”

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को चेतावनी दी कि अमेरिका और यूरोप जैसे देशों को अपने ही हितों को नुकसान पहुंचने का खतरा है। जयशंकर ने कहा कि ये देश स्किल्ड वर्कर्स के इमिग्रेशन और क्रॉस-बॉर्डर मूवमेंट पर बहुत अधिक रोक लगाते हैं, तो वे ‘नेट लूजर’ बन जाएंगे।

विदेश मंत्री ने यह बात कई देशों में इमिग्रेशन के खिलाफ पॉलिटिकल और सोशल रिएक्शन पर एक सवाल के जवाब में कही। जयशंकर ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि इनमें से बहुत सारे ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें उन्हें सुलझाना होगा, क्योंकि कई मामलों में ऐसा देखने को मिल रहा है।

‘ये चितांए पॉलिसी चॉइस का नतीजा’

जयशंकर ने कहा किअसली संकट का आने वाले वर्कफोर्स की मोबिलिटी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में चिंताएं लंबे समय से चली आ रही पॉलिसी चॉइस का नतीजा हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि अगर चिंताएं हैं, मान लीजिए, यूनाइटेड स्टेट्स या यूरोप में, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने पिछले दो दशकों में बहुत सोच-समझकर अपने बिजनेस को दूसरी जगह जाने दिया। यह उनकी पसंद और स्ट्रैटेजी थी। उन्हें इसे ठीक करने के तरीके खोजने होंगे, और उनमें से कई ऐसे हैं।

स्पेशलाइज्ड टैलेंट की डिमांड अधिक बढ़ेगी

विदेश मंत्री ने कहा कि फोकस स्किल्ड लेबर के फ्री फ्लो के शेयर्ड फायदों को दिखाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी चिंता उन्हें यह समझाना है कि मोबिलिटी, यानी सीमाओं के पार टैलेंट का इस्तेमाल, हमारे आपसी फायदे के लिए है। अगर वे असल में टैलेंट के फ्लो में बहुत अधिक रुकावटें डालते हैं तो उन्हें नेट लॉस होगा। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे इकॉनमी एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग की ओर बढ़ रही हैं, स्पेशलाइज्ड टैलेंट की डिमांड और बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के दौर में आगे बढ़ रहे हैं, हमें कम नहीं, बल्कि अधिक टैलेंट की जरूरत होगी, और टैलेंट को तेजी से अपने आप डेवलप नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वहां एक तरह की स्ट्रक्चरल रुकावट है। उनके अपने समाजों में, आप तनाव देख सकते हैं।