छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी कार्यक्रम के सफलक्रियान्वयन हेतु आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयाजन किया गया। कार्यशाला में पावर पाइंट प्रस्तुतिकरण केमाध्यम से चारों महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गई। कार्यशाला में कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ेगी। कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ आर.के. खुटे, वनमण्डलाधिकारी राजेश पाण्डेय एवं सभी विभाग केजिला अधिकारी, जनपद सीईओ, मनरेगा के अधिकारी एवं तकनीकी सहायक प्रमुख रूप से मौजूद थे।
कलेक्टर श्री धावड़े ने कहा कि राज्य शासन के मंशा अनुरूप इन संसाधनों के चिन्हाकंन का कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक विकासखण्ड मेंपांच-पांच ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। उन्होंने 15 दिवस के भीतर संबंधित अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने केनिर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत गांव में अधिकारी भ्रमण करेंगे तथा बैठक लेकर गांवों की संसाधनों की पहचान करेंगे, साथ हीगांव के ही अनुभवी लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी। श्री धावड़े ने कहा कि योजना के बेहतर क्रियान्वय के लिए संबंधित विभाग केसाथ रणनीति तय कर अभिसरण करते हुए विकास कार्य किये जायेंगे। योजना के तहत नदी-नाले का पुर्नउद्धार तथा जल संरक्षण, गाय, भैंस कानस्ल सुधार, जैविक खाद का निर्माण एवं साग-सब्जी उत्पादन के संबंध में योजनाबद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि एक ही पेंच में गांवका चयन किया जायेगा, जिससे समन्वित विकास करने में सुविधा हो। गौठान निर्माण करने के लिए ऊंचे स्थानों का चयन किया जायेगा तथापशुओं के बैठने का पक्का प्लेटफार्म, चारा पानी की व्यवस्था की जायेगी। नरवा के चिन्हांकन के लिए जल स्त्रोतों की उद्गम स्थल, स्थानीयनाला एवं अन्य जल स्त्रोत की पहचान करने सेटेलाईट ईमेज एवं जीआईएस मैप का उपयोग किया जायेगा। इनके बंधान के लिए छोटे स्ट्रक्चर काउपयोग किया जायेगा। गौठान में सामुदयिक आधार पर बायो गैस प्लांट का निर्माण एवं जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा। बाड़ी केतहत गांवों में उद्यानिकी एवं कृषि विभाग के योजनाओं से सब्जी-भाजी और फलदार पौधों का वृक्षारोपरण किया जायेगा। कार्यशाला में कलेक्टरने सभी विभागीय अधिकारियों को इस योजना को प्राथमिकता में रख कर कार्य करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने गांव की महिला स्व-सहायतासमूहों एवं अनुभवी लोगों की भी मदद लने कहा है। कार्यशाला में अधिकारियों द्वारा विभिन्न सुझाव दिये गये।