75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा मेला आदिवासी समाज, छत्तीसगढ़ या भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनियाभर का सबसे बड़ा सांस्कृतिक महोत्सव है
कुछ लोग वर्षों तक यह भ्रांति फैलाते रहे कि नक्सलवाद विकास की लड़ाई है, लेकिन पूरा बस्तर विकास से वंचित रहा, इसका मूल कारण नक्सलवाद है
मोदी जी की ओर से यह भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी बस्तर के विकास और यहाँ के लोगों के अधिकार को नहीं रोक पाएँगे
बस्तर की जनता नक्सलवाद से गुमराह बच्चों को हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल होने और बस्तर के विकास में सहभागी बनने के लिए समझाएँ
केन्द्र और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर और समस्त नक्सल क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित हैं
अगर किसी ने हथियार लेकर बस्तर की शांति को भंग करने का प्रयास किया तो हमारे सशस्त्र बल और पुलिस मिलकर इसका माकूल जवाब देंगे
बस्तर का दशहरा, बस्तर ओलंपिक, यहाँ का खानपान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र न केवल बस्तर बल्कि पूरी दुनिया में आकर्षण का केन्द्र बने हैं
1874 से आज तक मुरिया दरबार की सक्रिय भागीदारी, न्यायिक व्यवस्था, आदिवासी संस्कृति को बचाने का चिंतन और जनसंवाद की ऐतिहासिक परंपरा एक वैश्विक धरोहर है
बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार आदिवासियों को जोड़ने का कार्य करते हैं और पूरे बस्तर को एक सूत्र में पिरोते हैं
14वीं शताब्दी से शुरू हुई माँ दंतेश्वरी की रथ यात्रा ने पूरे बस्तर क्षेत्र में सांस्कृतिक जागृति की शुरुआत की
अगर 140 करोड़ लोग स्वदेशी के संकल्प को आत्मसात करें तो हमारे भारत को दुनिया की सर्वोच्च आर्थिक व्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया। इससे पहले श्री अमित शाह ने प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया। बस्तर दशहरा महोत्सवअवसर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा बस्तर दशहरा मेला न केवल आदिवासी समाज, बस्तर, छत्तीसगढ़ या भारत बल्कि पूरे विश्व में सबसे बाद सांस्कृतिक महोत्सव है। श्री शाह ने कहा कि आज माँ दंतेश्वरी के दर्शन-पूजन के दौरान उन्होंने प्रार्थना की कि वे हमारे सुरक्षा बलों को शक्ति दें ताकि वे 31 मार्च 2026 तक बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त कर सकें। श्री शाह ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग वर्षों तक यह भ्रांति फैलाते रहे कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है, जबकि सच यह है कि बस्तर के विकास से वंचित रहने का मूल कारण नक्सलवाद ही है। उन्होंने कहा कि आज देश के हर गाँव में बिजली, पेयजल, सड़क, हर घर में शौचालय, पाँच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा और पाँच किलो मुफ्त अनाज के साथ-साथ चावल को 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने की व्यवस्था पहुँच चुकी है, लेकिन बस्तर प्रगति की इस दौड़ में पीछे रह गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से यह आश्वासन देना चाहते हैं कि 31 मार्च, 2026 के बाद नक्सलवादी न तो बस्तर के विकास और न ही बस्तर के लोगों के अधिकारों को रोक पाएंगे। श्री शाह ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के जो बच्चे भटक कर नक्सलवाद से जुड़ गए हैं, वे स्थानीय गांवों के ही हैं। श्री शाह ने बस्तर के लोगों से अपील की कि वे भटके हुए इन बच्चों को हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में शामिल होने की बात समझाएं, ताकि वे बस्तर के विकास में सहभागी बनें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने देश की सबसे बेहतर सरेंडर नीति बनाई है। पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक लोग सरेंडर कर चुके हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे सरेंडर कर दें। श्री शाह ने कहा कि जिस गाँव में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा, वहाँ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गाँव के विकास के लिए 1 करोड़ रुपए दिए जाएँगे। श्री शाह ने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं हुआ है और यह समस्या अब काफी हद तक कम हो चुकी है।
श्री अमित शाह ने कहा कि कि केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर सहित सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए पूर्णतः समर्पित हैं और इसके लिए आकर्षक नीतियाँ बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में लगभग 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है। छत्तीसगढ़ का विकास दिन-दूनी,रात-चौगुनी गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित हो रहे हैं, शिक्षा के संस्थान बन रहे हैं, और स्वास्थ्य संस्थानों का विकास हो रहा है। साथ ही हमारे लघु उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने बहुत मोहक आत्मसमर्पण नीति बनाई है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल दें। श्री शाह ने साथ ही चेताया भी कि यदि हथियारों के जरिए बस्तर की शांति को भंग करने का प्रयास किया गया, तो हमारे सशस्त्र बल, सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर इसका करारा जवाब देंगी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 की तिथि तय है, जब नक्सलवाद को इस देश से पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि इस बार बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर का पंडुम उत्सव, खान-पान, वेश-भूषा, कला, और वाद्य यंत्र न केवल बस्तर में, बल्कि पूरे विश्व में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का यही संकल्प है कि हमारी संस्कृति, भाषा, खान-पान, वेश-भूषा और वाद्य यंत्र सदियों तक न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए संरक्षित रहें। इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार कटिबद्ध हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर में 1874 से आज तक मुरिया दरबार में सक्रिय भागीदारी, न्यायिक व्यवस्था, आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने का चिंतन और जनसंवाद की ऐतिहासिक परंपरा किसी वैश्विक धरोहर से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार पूरे देश के लिए प्रेरणा और जानकारी का विषय है।