Home देश “Navratri 2025: शारदीय व चैत्र नवरात्रि में क्या है अंतर है? जानें...

“Navratri 2025: शारदीय व चैत्र नवरात्रि में क्या है अंतर है? जानें धार्मिक महत्व”

9
0

Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि शक्ति उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. साल में दो बार प्रमुख रूप से नवरात्रि आती है, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि. दोनों ही नवरात्रियों में मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, लेकिन इनके समय, महत्व और धार्मिक मान्यताओं में कुछ अंतर होता है.

आइए जानते हैं दोनों नवरात्रियों का अंतर और महत्व.

साल में नवरात्रि 4 बार आती है जिसमें दो प्रमुख नवरात्रि होती हैं और दो गुप्त नवरात्रि. गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए उत्तम माना जाता है.

चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है. इस नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है. इस समय प्रकृति में नई ऊर्जा और जीवन का संचार होता है. चैत्र नवरात्रि को विशेष रूप से साधना, तपस्या और आत्मिक शुद्धि के लिए श्रेष्ठ माना गया है. रामनवमी (भगवान श्रीराम का जन्मदिन) चैत्र नवरात्रि की नवमी को ही मनाई जाती है.

शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है. इसे महानवरात्रि भी कहा जाता है और यह साल की सबसे प्रमुख नवरात्रि मानी जाती है. इस समय फसल कटने का मौसम और शरद ऋतु का आगमन होता है. शारदीय नवरात्रि में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार और पूर्वी भारत में किया जाता है. विजयादशमी (दशहरा) इसी नवरात्रि की समाप्ति पर मनाई जाती है. दोनों नवरात्रि में अंतर समय- चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु में, शारदीय नवरात्रि शरद ऋतु में.

विशेष पर्व- चैत्र नवरात्रि में रामनवमी, शारदीय नवरात्रि में विजयादशमी.

महत्व- चैत्र नवरात्रि साधना और आत्मशुद्धि, शारदीय नवरात्रि शक्ति और विजय की आराधना.

लोकप्रियता- शारदीय नवरात्रि अधिक भव्य और व्यापक स्तर पर मनाई जाती है.

दोनों ही नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना की जाती है. यह एक पावन अवसर होता है जहां मां के नौ दुर्गा को पूजते हैं. चैत्र नवरात्रि जहां साधना, आत्मशुद्धि और नए साल की शुरुआत का प्रतीक है, वहीं शारदीय नवरात्रि शक्ति, विजय और महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा के महाकाव्य युद्ध की याद दिलाती है.