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”जवानों की गोलियों से ढेर हुआ नक्सली कमांडर विकल्प, रायपुर-भिलाई से बस्तर तक नक्सलियों को मज़बूत करने में था बड़ा हाथ”

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नारायणपुर में मारे गए नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का सदस्य कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ़ विकल्प उर्फ़ राजू को आख़िरकार जवानों ने मार गिराया है। कट्टा रामचंद्र रेड्डी नक्सल संगठन में जुड़ने से पहले एक सफल व्यक्तित्व रहा है। कट्टा राम चंद्र रेड्डी तेलंगाना के करीमनगर के तिगलागुट्टा पल्ली का निवासी है। कट्टा रामचंद्र रेड्डी ने अपने जीवन की शुरुवात प्रोफेसर के रूप में की थी।

तेलंगाना के वारंगल में किसी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी करने के बाद कट्टा रामचंद्र रेड्डी महाराष्ट्र के नांदेड़ से वकालत की पढ़ाई प्रारंभ की। वकालत की पढ़ाई पुरी हो जाने के बाद कट्टा राम चंद्र रेड्डी नक्सलियों का लीगल एडवाइज़र बन गया। कई वर्षों तक नक्सलियों के लिए एडवाइस की ज़िम्मेदारी सम्भालने के बाद सीधे छत्तीसगढ़ के भिलाई पहुंचा जहां अपनी पत्नी के मालती के साथ भिलाई में रहकर रोज़ाना साइकलिंग करते हुए रायपुर पहुंचा करता था। रायपुर पहुंच कट्टा रामचंद्र रेड्डी रायपुर के एक लाईब्रेरी में रोज़ाना किताब पढ़ता देखा जाता रहा है।

ऐसा कई वर्षों तक भिलाई में रहते हुए साइकिल से ही रायपुर भिलाई आता जाता रहा है। भिलाई में रहते हुए कट्टा रामचंद्र ने नक्सलियों के अर्बन शहरी नेटवर्क को मज़बूत करने लगा। बताया जाता है की नक्सलियों का शहरी नेटवर्क कई वर्षों तक मज़बूत रहने के पीछे कट्टा रामचंद्र रेड्डी का ही हाथ था। लगातार भिलाई से ही रायपुर और छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को मज़बूत रखा। अचानक वर्ष 2007 में कट्टा रामचंद्र रेड्डी की पत्नी मालती को पुलिस ने रायपुर से गिरफ़्तार कर लिया।

पत्नी की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने कट्टा रामचंद्र की खोजबीन शुरू की पर कहीं कोई सुराग नहीं मिला। कुछ वर्षों बाद कट्टा रामचंद्र रेड्डी का लोकेशन नक्सलियों के संगठन में बस्तर संभाग में होना पाया गया। इसके बाद अचानक बाद बस्तर में कट्टा रामचंद्र रेड्डी को तमाम नामों से जाना जाने लगा। जिसमें गुड़सा उसेंडी, विकल्प, राजू जैसे नाम सामिल हैं। एक बार फिरसे कट्टा रामचंद्र रेड्डी का नाम उस वक्त चर्चे में आया जब वर्ष 2019 में राउला श्रीनिवास उर्फ़ रमन्ना की मौत के बाद उसे नक्सलियों की सबसे मज़बूत माने जाने वाले दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी का सेक्रेटरी बना दिया गया।

सेक्रेटरी बनाए जाने की जानकारी नक्सली कमांडर रमन्ना के बेटे रंजित के तेलंगाना में आत्मसमर्पण के बाद ही सामने आया था। वहीं दण्डकारण्य में बतौर स्पेशल ज़ोनल कमेटी का सेक्रेटरी रहते हुए भी कई बड़े नक्सली वारदातों की रणनीति कट्टा रामचंद्र रेड्डी ने ही बनाई थी। जिसमें सुरक्षाबलों का कई बार नुकसान भी हुआ है।

विकल्प के नाम का प्रेस नोट के साथ विकल्प के मारे जाने की भी खबर सामने आई। नक्सलियों द्वारा हाल में हथियार डालने को लेकर एक प्रेस नोट सामने आया था। जिसके विरोध में नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय व दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया है। सोमवार की शाम अभय व विकल्प का संयुक्त प्रेस नोट 20 तारिख के दिनांक का वायरल हुआ ही था कि विकल्प के नारायणपुर में मारे जाने की पुष्टि एसपी रॉबिनशन गुरिया ने कर दी थी। इस प्रेस नोट को सिर्फ़ संयोग मानें या फिर कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ़ विकल्प की मौत की वजह।