वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक महंगाई अगस्त में वार्षिक आधार पर -0.58 फीसदी से बढ़कर 0.52 फीसदी हो गई. ताज्जुब की बात तो ये है कि देश में थोक महंगाई अगस्त के महीने में 4 महीने के हाई पर पहुंच गई है.
इससे पहले रॉयटर्स के एक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं के मैन्युफैक्चरिंग आदि की कीमतों में मामूली वृद्धि के कारण, थोक महंगाई यानी WPI अगस्त महीने में बढ़कर 0.30 फीसदी हो सकती है. इससे पहले सरकार की ओर से खुदरा महंगाई का डाटा रिलीज किया गया था. जिसमें महंगााई दर 2 फीसदी के पार चली गई थी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से थोक महंगाई को लेकर किस तरह के आंकड़े जारी किए हैं.
खाद्य महंगाई में इजाफा सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अगस्त 2025 में महंगाई में इजाफे का प्रमुख कारण खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, गैर-खाद्य पदार्थों, अन्य गैर-धात्विक खनिज उत्पादों और अन्य परिवहन उपकरणों आदि की कीमतों में इजाफा है. जुलाई में -2.15 फीसदी तक गिरने के बाद, थोक खाद्य महंगाई सालाना आधार पर बढ़कर 0.21 फीसदी हो गई. कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की थोक महंगाई अगस्त 2025 में -9.87 फीसदी बढ़ी, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में 1.77 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
इनमें भी बढ़ी महंगाई प्राथमिक वस्तुओं के खंड में, अगस्त में महंगाई दर पिछले महीने के -4.95 फीसदी से बढ़कर -2.10 फीसदी हो गई. मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में 2.55 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पिछले महीने इसमें 2.05 फीसदी की गिरावट आई थी. ईंधन और बिजली की कीमतों में -3.17 फीसदी की गिरावट आई, जबकि जुलाई में इसमें -2.43 फीसदी की गिरावट आई थी. सरकार ने भारत के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी जारी किए, जिनसे पता चला कि वार्षिक आधार पर अगस्त में यह बढ़कर 2.07 फीसदी हो गई, जबकि जुलाई में यह 1.55 फीसदी थी.