इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश, लेकिन क्या आप जानते हैं ! कि यहीं एक सक्रिय ज्वालामुखी के किनारे भगवान गणेश की 700 साल पुरानी मूर्ति विराजमान है? जी हां, इस्ट जावा के माउंट ब्रोमो पर स्थित यह प्रतिमा न सिर्फ रहस्यमयी है बल्कि स्थानीय लोगों की आस्था और सुरक्षा का भी प्रतीक मानी जाती है.
माउंट ब्रेमो की आग और धुएं के बीच विराजमान भगवान गणेश की यह मूर्ति दुनिया को बताती है कि आस्था की शक्ति हर बाधा को पार कर सकती है. मुस्लिम बहुल देश में भी हिंदू संस्कृति का यह स्वरूप न सिर्फ अद्वितीय है बल्कि दुनिया के लिए जिज्ञासा और श्रद्धा का केंद्र भी है.
ज्वालामुखी के मुहाने पर गणेश जी! माउंट ब्रोमो को इंडोनेशिया के सबसे खतरनाक सक्रिय ज्वालामुखियों में गिना जाता है. इसी के क्रेटर के पास पत्थर की बनी गणेश प्रतिमा स्थापित है. माना जाता है कि यह मूर्ति करीब 700 साल पुरानी है और इसे स्थानीय टेंगर जनजाति ने स्थापित किया था. खास बात यह है कि जब ज्वालामुखी से धुआं और आग निकलती है, तब भी भक्त निर्भीक होकर यहां पूजा करने पहुंचते हैं.
क्यों मानते हैं रक्षक? स्थानीय लोगों का विश्वास है कि गणेश जी यहां विघ्नहर्ता और रक्षक के रूप में विराजते हैं. उनका मानना है कि भगवान गणेश ही इस क्षेत्र को बड़े विस्फोटों से बचाते हैं. इसलिए यहां रोज़ाना फूल, फल और धूप-दीप चढ़ाने की परंपरा सदियों से चल रही है.
मुस्लिम देश में हिंदू आस्था का केंद्र इंडोनेशिया भले ही मुस्लिम बहुल देश हो, लेकिन बाली और इस्ट जावा जैसे इलाकों में आज भी हिंदू परंपराएं जीवित हैं. माउंट ब्रोमो पर होने वाला यदन्या कसादज त्योहार इसका बड़ा उदाहरण है, जब हजारों लोग यहां गणेश जी और अन्य देवताओं को प्रसाद अर्पित करने आते हैं.
आस्था और पर्यटन का अद्भुत संगम आज यह जगह सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि एक बड़ा पर्यटन आकर्षण भी बन चुकी है. विदेशी पर्यटक सूर्योदय का अद्भुत नज़ारा देखने और गणेश प्रतिमा के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं. Condé Nast Traveller जैसी अंतरराष्ट्रीय मैगज़ीन तक ने इसे फेथ और नेचुरल ब्यूटी का अनोखा संगम कहा है.



