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”CG: गरियाबंद में चार नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा..”

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”CG: गरियाबंद में चार नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा..”

गरियाबंद: गरियाबंद पुलिस ने माओवाद उन्मूलन के मोर्चे पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। यहाँ चार नक्सलियों ने रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया। सभी ने रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा के सामने मुख़्यद्धारा में जुड़ें की प्रतिबद्धता जाहिर की। रायपुर रेंज के महानिरीक्षक ने इसे पुलिस बल की सफलता बताया और कहा, “यह गरियाबंद पुलिस , इस क्षेत्र और राज्य के लिए एक अभूतपूर्व सफलता है। इस क्षेत्र में पिछले एक दशक से सक्रिय चार नक्सलियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।”

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को बाद में पुलिस द्वारा सम्मानित किया गया। रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि नक्सलियों पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमें बताया कि नक्सली संगठनों में शामिल युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बंदी बनाकर रखा गया है, उन पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम था।”

इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट में एक जवान शहीद हो गया और दो अन्य घायल हो गए। बस्तर के आईजी पी सुंदरराज के अनुसार, बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में डीआरजी टीम द्वारा माओवाद विरोधी अभियान के दौरान सुबह एक आईईडी विस्फोट हुआ। घायल कर्मियों की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है और आगे के इलाज के लिए उन्हें निकाला जा रहा है। ऑपरेशन पूरा होने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

इससे पहले 14 अगस्त को सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में मुठभेड़ के दौरान 1.16 करोड़ रुपये के इनामी दो खूंखार नक्सलियों को सफलतापूर्वक मार गिराया था। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के सदस्य विजय रेड्डी, जिस पर 90 लाख रुपये का इनाम था, और राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर (आरकेबी) डिवीजन के सचिव लोकेश सलामे, जिस पर 26 लाख रुपये का इनाम था। इन्हे छत्तीसगढ़ पुलिस, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 27वीं बटालियन ने 13 अगस्त को राज्य के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान में मार गिराया था।

आईटीबीपी ने एक बयान में कहा कि एक समन्वित नक्सल-विरोधी अभियान के दौरान यह मुठभेड़ शुरू हुई। “सुरक्षा बल घने जंगलों में दोनों की गतिविधियों पर नज़र रख रहे थे, तभी गोलीबारी शुरू हो गई।”

अधिकारियों के अनुसार, रेड्डी और सलामे का मारा जाना दंडकारण्य क्षेत्र और राजनांदगांव-कांकेर सीमा पर नक्सली अभियानों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। घटनास्थल से हथियार और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की गई है। मोहला में आयोजित जिला पुलिस – मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक वाईपी सिंह और 27वीं बटालियन आईटीबीपी के कमांडेंट विवेक कुमार पांडे ने मुठभेड़ का ब्यौरा दिया। एसपी ने बताया कि मारे गए वामपंथी उग्रवादी (एलडब्ल्यूई) या नक्सली उत्तर बस्तर और आरकेबी डिवीजन के कुछ बेहद वरिष्ठ कैडर थे। “इनके खात्मे के साथ, वामपंथी उग्रवादियों के आतंक और अत्याचारों का एक युग समाप्त हो गया है।” आत्मकुर के बलरामपुरम मंडल निवासी 55 वर्षीय विजय रेड्डी उर्फ चिन्ना उर्फ नागन्ना उर्फ शंकर को दशकों से इलाके में वामपंथी उग्रवादियों का ‘भूत’ माना जाता है।