बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर चार जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली आईपीएल जीत के जश्न के दौरान हुए भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे. अब कर्नाटक सरकार की हाईकोर्ट में सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार RCB ने बिना पुलिस की अनुमति या परामर्श के विक्ट्री परेड के लिए फैन्स को आमंत्रित किया, जिसके चलते यह हादसा हुआ.
यह खुलासा न केवल RCB की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या इस मामले में RCB के पूर्व कप्तान और चेहरा विराट कोहली भी कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं? कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि RCB ने तीन जून को अहमदाबाद में अपनी जीत के बाद सोशल मीडिया पर सुबह 7:01 बजे एक पोस्ट के जरिए मुफ्त प्रवेश और विक्ट्री परेड की घोषणा की. यह परेड विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खत्म होनी थी. यह घोषणा बिना पुलिस की अनुमति के की गई थी. कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने तीन जून की शाम 6:30 बजे पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन अपेक्षित भीड़, व्यवस्था और संभावित जोखिमों की जानकारी न होने के कारण कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बावजूद RCB ने अपने इवेंट को आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप भारी भीड़ जमा हुई और गेट नंबर 1, 2 और 21 पर भगदड़ मच गई.
जांच समिति ने इन्हें ठहराया जिम्मेदार
जस्टिस माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन, RCB, इवेंट मैनेजर डीएनए एंटरटेनमेंट और बेंगलुरु पुलिस को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोजकों ने स्टेडियम के गेटों को समय पर और समन्वित तरीके से नहीं खोला, जिसके कारण भीड़ ने गेट तोड़ दिए. गेट नंबर 2, 2A, 6, 7, 15, 17, 18, 20 और 21 पर बार-बार भगदड़ की स्थिति बनी.
इस हादसे के बाद RCB, KSCA और डीएनए एंटरटेनमेंट के खिलाफ लापरवाही और गैर-इरादतन हत्या के आरोप में कई FIR दर्ज की गईं. कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार की स्थिति रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग को खारिज करते हुए इसे KSCA, RCB और डीएनए के साथ साझा करने का आदेश दिया, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो. कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा या गोपनीयता से संबंधित नहीं है और जनता को सच जानने का हक है.
विराट कोहली का नाम इस मामले में सीधे तौर पर नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने उनके खिलाफ तो कुछ उनके पक्ष में पोस्ट लिख रहे हैं. इस रिपोर्ट पर RCB की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है. आरसीबी के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी निखिल सोसले के गिरफ्तार किया गया था लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर हैं. RCB ने ‘RCB Cares’ फंड की स्थापना कर पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है.