एक्सपर्ट और एजेंसियां भले ही कितना आश्वासन दें कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन सच्चाई इससे बिलकुल उलट है. ट्रंप के भारत पर लगाए 26 फीसदी टैरिफ का बखूबी असर दिखेगा और वह भी दिसंबर तक ही सामने आ जाएगा. इसका सबसे ज्यादा असर छोटे-मझोले उद्योगों पर पड़ने की आशंका है. यह अनुमान किसी और ने नहीं, बल्कि भारतीय थिंक टैक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने जताया है.
जीटीआरआई के अनुसार, अमेरिका द्वारा बढ़ाई ड्यूटी के कारण समुद्री उत्पाद, इलेक्ट्रिकल, सोना और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों से भारत के निर्यात में 5.76 अरब डॉलर (करीब 50 हजार करोड़ रुपये) की गिरावट आने की संभावना है. हालांकि, कुछ प्रोडक्ट भारत के इस नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. टैरिफ के कारण कपड़ा, परिधान, सिरेमिक उत्पाद, इनऑर्गेनिक केमिकल और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में मामूली लाभ देखने को मिल सकता है. अमेरिका ने 9 अप्रैल से फार्मा, सेमीकंडक्टर्स और कुछ ऊर्जा उत्पादों को छोड़कर भारतीय वस्तुओं पर 26 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. इससे पहले 5-8 अप्रैल तक 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लागू हो जाएगा.