छत्तीसगढ़ : भीषण गर्मी के बीच जांजगीर में पेयजल संकट, वॉटर लेवल कम होने से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग…
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में पेयजल संकट बनता जा रहा है. जब से नहर का पानी बंद हुआ है, तब से यहां पर लोगों के लिए पेयजल की समस्या आ गई है.
हसदेव से शहर तक पीने का पानी लाने की योजना अधर में लटकी हुई है. इसका 31 फीसदी काम अभी भी बाकी है. जब तक नहर में पानी रहता है, तब तक शहर में पानी की किल्लत नहीं होती है, लेकिन जैसे ही नहर में पानी बंद हो जाता है तब भू-जल स्तर काफी तेजी से नीचे गिर जाता है. इससे लोगों के बोर से पानी आना बंद हो जाता है.
जांजगीर नगर में अधिकांश लोगों के पास खुद का बोर संचालित है. ऐसे में पेयजल के लिए एक स्विच दबाते ही पानी आ जाता है, लेकिन अब वॉटर लेवल काफी कम हो गया है तो लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. जांजगीर नगर पालिका ने भी नगर में पेयजल सप्लाई के लिए जगह-जगह पर बोर खनन किए हैं, जहां पर पाइप लाइन के मदद से लोगों के घरों में पानी पहुंचाया जाता है. वह सरकारी बोर भी अब जवाब देने लगे हैं.
दिन में बोर सूख जाता है वहीं रात में महज एक से दो घंटे ही चल पाता है या फिर सुबह के समय महज दो तीन घंटे चल पाता है. वहीं बाकी समय नहीं चलता है. ऐसे में नगर में लोगों को पानी के लिए एक बार फिर से मशक्कत करनी पड़ रही है. जांजगीर नगर पालिका क्षेत्र के पुराना चंदनिया पारा, वार्ड नंबर 15, केरा रोड, शांतिनगर, खोखरा भांठा, पुलिस लाइन इत्यादि क्षेत्र में पानी की किल्लत शुरू हो गई है. वहीं खोखरा भांठा के शांतिनगर, पुलिस लाइन, जिला जेल घर की तरफ भी पानी की समस्या शुरू हो गई है.
सप्लाई के लिए लगाया गया टैंकर
बीते साल पानी की ज्यादा समस्या तो नहीं थी, लेकिन इस साल तापमान पहले से अधिक होने के कारण पानी की समस्या आ रही है. जैसे ही पानी किल्लत की सूचना नगर पालिका को मिलती है तो टैंकरों के माध्यम से पानी आपूर्ति करते हैं. बड़ी पानी टंकी पुराना फॉयर आफिस को टैंकर रिफलिंग सेंटर बनाया गया है. यहां पर सभी टैंकरो को रिफिल किया जाता है, लेकिन पानी टंकी के पीछे वाले मोहल्लों में पानी को बंद कर दिया जाता है, जिससे परेशानी होती है. ऐसे में नगर पालिका को और भी रिफलिंग सेंटर बनाये जाने की जरूरत है.
पाइप लाइन में बूंद-बूंद आ रहा पानी
बता दें अभी केरा रोड में पानी की किल्लत बनी हुई है. नगर पालिका द्वारा अधिकांश घरों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाता है, लेकिन अभी नहर का पानी कम होने से बोर से भी पानी आना कम हो गया है. जिससे लोगों को पानी के जद्दोजहद करनी पड़ रही है. हसदेव नदी से जांजगीर नैला में पानी लाने के लिए शासन द्वारा तकरीबन साढ़े 34 करोड़ रुपये का जल आवर्धन मेगा प्रोजेक्ट लांच किया गया था.
इस योजना में जांजगीर शहर में 95 किमी का पाइप लाइन बिछाया जाना था ताकि हसदेव से पानी लाया जा सके. इस काम को अक्टूबर 2020 तक पूरा करना था, लेकिन मियाद समय के चार साल अतिरिक्त होने के बाद यह पूरा नहीं हो पाया है. ठेकेदार ने तकरीबन 69 प्रतिशत काम कर दिया है. उसके बाद काम को छोड़ दिया है.