Lok Sabha Chunav 2024 : वायनाड के किले में राहुल गांधी को मिलेगी कड़ी चुनौती, जानें इस सीट का इतिहास और यहां के जातीय समीकरण…
Wayanad Lok Sabha Seat: केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें वायनाड भी एक है। इस सीट से कांग्रेस ने राहुल गांधी को एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने इस सीट पर रिकॉर्ड जीत हासिल की थी।
करीब 4 लाख वोटों से अपने निकटतम प्रत्याशी को हराया था। हालांकि, इस बार राहुल गांधी के लिए मुकाबला इतना आसान नहीं है। दरअसल, सीपीआई ने यहां दिग्गज नेता और सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में वायनाड लोकसभा सीट पर मुकाबला काफी रोमांचक हो गया है।
राहुल गांधी को वायनाड से फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की बड़ी वजह वायनाड में कांग्रेस की मजबूत किलेबंदी है। दरअसल, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाले राज्यों से घिरी इस सीट पर कांग्रेस का लंबे समय से कब्जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी इस सीट पर कितनी ताकतवर है, इसका जवाब पिछले तीन लोकसभा चुनावों में देखने को मिलता है। आइए जानते हैं वायनाड लोकसभा सीट का इतिहास क्या है? यह सीट कांग्रेस के खाते में कब से है? राहुल गांधी का पिछले चुनाव में क्या प्रदर्शन रहा था? इस बार मुकाबला रोमांचक क्यों माना जा रहा है और वायनाड सीट के जातीय समीकरण क्या हैं?…
वायनाड लोकसभ सीट कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाली सीट मानी जाती है। यही कारण है कि अमेठी में कड़ी चुनौती के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी को यहां भेजने का फैसला किया था।
दरअसल, 2009 से कांग्रेस इस सीट पर बंपर जीत हासिल करती आ रही है। 2009 और फिर 2014 में कांग्रेस ने इस सीट से अपने दिवंगत नेता एम आई शनावास को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने दोनों ही चुनाव में जीत हासिल की। 2009 के चुनाव में उन्होंने करीब 1.53 लाख वोटों से चुनाव जीता था। हालांकि, 2014 के चुनाव में इस सीट पर काफी करीबी मुकाबला देखा गया था।
सीपीआई ने यहां से पीआर सत्यन मुकरी को प्रत्याशी बनाया था। उन्हें 3.56 लाख वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी शानवास को कुल 3.77 वोट मिले। इस तरह कांग्रेस ने करीबी मुकाबल में 20 हजार वोट से इस सीट को सुरक्षित बचाया था।
उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्मृति ईरानी के उतरने के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी को 2019 में अपनी सेफ सीट वायनाड से प्रत्याशी बनाया था।
उन्होंने इस सीट से सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4,31,770 वोटों के अंतर से पराजित किया था। उन्हें कुल 64.8 फीसदी वोट मिले थे। राहुल को 7.06 लाख वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के पीपी सुनीर को कुल 2.74 लाख वोट मिले थे।
वायनाड सीट के जातीय समीकरण क्या हैं?
केरल के दो जिलों और सात विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर वायनाड लोकसभा सीट बनी है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां एसटी मतदाता लगभग 123,263 (करीब 9.1%) हैं, वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 559,422 है जो लगभग 41.3% के आसपास है।
इस सीट पर ईसाई मतदाताओं की संख्या भी करीब 185,571 है (13.7%) है। इसके साथ यहां हिंदू मतदाताओं की संख्या लगभग 609,540 (45%) है। अल्पसंख्यक वोटरों के कारण ही वायनाड सीट राहुल गांधी के लिए सुरक्षित मानी जाती है।