भोपाल। मध्य प्रदेश में नक्सलवाद के कैडर को पैदा करने के बाद नक्सली अशोक रेड्डी के बारे में परतें खुलती जा रही हैं। मध्य प्रदेश पुलिस के अलावा रेड्डी को आंध्र प्रदेश पुलिस और नागपुर पुलिस भी गिरफ्तार कर चुकी है।
तीसरी बार मध्य प्रदेश एटीएस के हाथ लगा है। एटीएस ने कई राज्यों की पुलिस से भी रेड्डी की हिस्ट्री खंगाली है, जिसके बाद एटीएस भी हैरान है कि आखिर हार्डकोर नक्सली को सुप्रीम कोर्ट से कैसे बेल मिल गई। जबकि वह सीपीआई का बालाघाट, गोंदिया और गढ़चिरौली डिवीजन का सचिव रहा। टीएस के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि साल 2007 में अशोक रेड्डी को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। रेड्डी के साथ कई और लोगों को भी विरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। रेड्डी के पास नक्सलवाद से जुड़े हुए पर्ची और कुछ अहम दस्तावेज बरामद किए थे। इसके बाद मामला कोर्ट में चला और सुप्रीम कोर्ट से रेडी की जमानत हो गई। सबूत के अभाव में रेड्डी को कोर्ट ने बेल दे दी।
पत्नी मौन, इतिहास जुटाने में मुश्किल में एजेंसी
अशोक रेड्डी की पत्नी से एटीएस अलग से पूछताछ कर रही है। पिछले 3-4 दिनों के अंदर पूछताछ में एटीएस को कोई खास जानकारी हाथ नहीं लगी है। अधिकारियों का कहना है कि रेड्डी की दूसरी पत्नी है। रेड्डी के साथ ही नक्सल अभियान में शामिल रही। मध्य प्रदेश में खासतौर से पत्नी के साथ ही कई बार महीनों तक नाम बदलकर रहा। कई राज्यों की पुलिस के बारे में भी पत्नी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में जांच एजेंसी को सामने मुश्किल है कि लंबे तक सक्रिय रही। फिर भी राज्यों को रेड्डी की पत्नी के बारे में कोई ठोस जानकारी है।
पुलिस से बचने महराष्ट्र में कई दिनों तक अंडरग्राउंड रहा
साल 2009 में जेल से बाहर आने के बाद आंध्र प्रदेश के नीलगिरी इलाके में वापस चला गया था। फिर कुछ समय के बाद महाराष्ट्र में फिर सक्रिय हुआ। पुलिस की नजर होने के चलते महाराष्ट्र में कई दिनों तक अंडरग्राउंड रहा। जिसकी वजह से पुलिस खोज नहीं पाई। रेड्डी की तलाश में आंध्र प्रदेश पुलिस थी और पुलिस को सफलता मिली। साल 2012 में गिरफ्तार कर लिया गया। आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया लेकिन रेडी को जमानत मिल गई। रेड्डी के पास से मध्य प्रदेश पुलिस को जो दस्तावेज मिले हैं। उसमें रेड्डी जबलपुर इलाज के लिए आया था। उसने ड्राइवर के नाम पर डॉक्टर से इलाज भी कराया। ड्राइवर का नाम भी रेड्डी ने इलाज के लिए इस्तेमाल किया। ऐसे ही पैटर्न के चलते पुलिस रेडी को कई सालों तक खोज नहीं पाई।
मंच पर खड़े समाजसेवी की जेब से 49 हजार चोरी
भोपाल। कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित गोमती कॉलोनी में अज्ञात चोर ने समाजसेवी की जेब से 49 हजार रुपए की नगदी चुरा ली। घटना रविवार रात की बताई जा रही है। उन्होंने घटना की शिकायत कमला नगर थाने पहुंचकर की थी। पुलिस ने अज्ञात चोर पर मामला दर्ज करते हुए उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार राकेश जैन (56) गोमती काॅलोनी, कमला नगर में रहते हैं। पेशे से व्यापारी राकेश जैन ने पुलिस को बताया कि वह व्यपार के साथ समाज सेवा से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि करुणा धाम मंदिर की कि स्थापना दिवस की शोभा यात्रा के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन नेहरू नगर चौराहा मधुरम स्वीट्स के सामने किया गया था। वे मंच पर अपने साथी राजेंद्र राठौर, रोहित जाधव सहित अन्य लोग के साथ खड़े थे। इसी बीच मुख्य अतिथि बतौर वहां गुरुजी पहुंचे थे। सभी लोग गुरुजी के स्वागत में मंच से नीचे उतरे थे। इसी बीच उनके जेब में रखे 49 हजार रुपए की गड्डी किसी ने चुरा ली।
हत्या, अपहरण के बाद बढ़ा इनाम
रेड्डी के बारे में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ पुलिस ने अहम जानकारी दी है। अशोक ने हत्या और अपहरण की घटनाओं को अंजाम दिया। इसके बाद नक्सलवाद अभियान में शामिल हो गया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सबसे पहले रेड्डी पर इनाम रखा। फिर वह महाराष्ट्र बार्डर में कैडर को मजबूत करने लगा। फिर घटनाओं के साथ ही रेड्डी पर इनाम भी बढ़ने लगा।