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राजनांदगांव : राज्य स्तरीय टीम द्वारा अनियमितता करने वाले निजी उर्वरक निर्माता कंपनी एवं कीटनाशी विक्रेता से जप्त की गई सामग्री

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राज्य स्तरीय टीम द्वारा अनियमितता करने वाले निजी उर्वरक निर्माता कंपनी एवं कीटनाशी विक्रेता से जप्त की गई सामग्री


राजनांदगांव 17 अगस्त 2023। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने खरीफ फसलों में किसानों द्वारा डाले जाने वाले उर्वरकों एवं कीटनाशकों के व्यवसाय में अनियमितता करने वाले तथा अनुज्ञप्ति प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निजी उर्वरक एवं कीटनाशी दुकानदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा लगातार अलग-अलग निरीक्षण दलों के माध्यम से निजी दुकानों में दबिश देकर अनियमितता करते पाये जाने वाले दुकानदारों पर विभिन्न प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है। जिले में अब तक 85 दुकानदारों को नोटिस, 9 दुकानों के विक्रय प्रतिबंध, 3 दुकानदारों का लाईसेंस निलंबन (01 बीज, 01 उर्वरक तथा 01 कीटनाशी विक्रेता का अनुज्ञप्ति) किया गया है। 01 निजी संस्थान का सामग्री जप्ती की कारईवाई भी की गई है। साथ ही नकली खाद बनाते पाये जाने पर 1 संस्था के विरूद्ध एफआईआर की कार्रवाई की गई है।


उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डे ने बताया कि कृषि आदान सामग्री के कालाबाजारी को रोकने के लिये राज्य स्तरीय वरिष्ठालयों से नियमित रूप से बैठकों में अधिक मूल्य पर कृषि आदान सामग्री के विक्रय करने वाले विक्रेताओं, अनुज्ञप्ति प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले तथा बिना लाईसेंस के कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिसके परिपालन में संचालनालय कृषि रायपुर द्वारा सभी जिलों के लिए अलग-अलग निरीक्षण दल का गठन किया गया है। इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राज्य स्तर से सहायक संचालक कृषि रायपुर श्री सुमीत कुमार सोरी के नेतृत्व में राज्य स्तरीय उडऩदस्ता दल द्वारा जिले के निजी उर्वरक निर्माता कंपनी ग्रोवर इंडिया बायोफर्टिलाजर तथा मेसर्स कविता बायोफर्टिलाजर के उर्वरक विनिर्माण परिसर में निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान कंपनी द्वारा तैयार खाद को निर्धारित मापदण्ड के अनुसार खाद की पैकिंग नहीं करना पाया गया। साथ ही प्रोम खाद का निर्माण व भंडारण पाया गया, जिसे टीम द्वारा जप्ती बनाकर संचालक को नोटिस दिया गया है, वहीं मेसर्स वर्मा कृषि केन्द्र राजनांदगांव के परिसर में बिना स्त्रोत प्रमाण पत्र के कीटनाशी दवाओं का व्यापार करते पाये जाने पर दवाओं को जप्त किया गया।

निजी विक्रेताओं को स्टाक का पंजी सत्यापन करना अनिवार्य है। साथ ही स्त्रोत प्रमाण पत्र के बिना कीटनाशकों का व्यापार करना कीटनाशी अधिनियम 1968 के विभिन्न धाराओं के उल्लंघन की श्रेणी में आता है, जिस पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। राज्य स्तरीय उडऩदस्ता एवं निरीक्षण दल के साथ जिला स्तरीय नोडल अधिकारी सहायक संचालक कृषि श्री टीकम सिंह ठाकुर तथा उर्वरक निरीक्षक श्री अविनाश कुमार दुबे शामिल रहे।