Chhattisgarh Cabinet Reshuffle: छत्तीसगढ़ सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है. भूपेश बघेल सरकार में सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं प्रेमसाय टेकाम से शिक्षा मंत्री पद छीन लिया गया है. यही नहीं महत्वपूर्ण विभाग सीएम के पास थे. चुनाव से पहले उन्होंने बदलाव किया और चार प्रमुख मंत्रियों को अपने हिस्से के विभाग सौंप दिए हैं. मोहन मरकाम, टीएस सिंहदेव, ताम्रद्वाज साहु और रविन्द्र चौबे को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. छत्तीसगढ़ कैबिनेट के लिए 13 मंत्रियों का प्रावधान है.
सीएम को मिलाकर कैबिनेट में मंत्री संख्या पूरी हो गई है.
- मंत्री मोहन मरकाम को आदिम जाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभागकी जिम्मेदारी दी गई है. मरकाम पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आदिवासी समाज का भी प्रतिनिधित्व कर रहे थे. सूत्रों की माने तो बस्तर क्षेत्र से आए मरकाम को उनके मन पसंद विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के मध्य प्रदेश से अलग होने के बाद वह पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई के पहले आदिवासी अध्यक्ष थे.
मरकाम तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में कोंडागांव से बीजेपी की कद्दावर मंत्री और प्रमुख महिला आदिवासी नेता लता उसेंडी को हराया. - उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव की ताकत और बढ़ी है. सीएम बघेल ने अपने पास रखे महत्वपूर्ण विभागों में से एक ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी अब सिंहदेव को दी है. इसके साथ ही उन्हें लोक स्वास्थ्य और यांत्रिकी, चिकित्सा शिक्षा एवं बीस सूत्रीय क्रियान्वयन और वाणिज्यकर (जीएसटी) विभाग मिला है कहा यह भी जा रहा है की सरकार बनने के बाद से ही सिंहदेव ने ऊर्जा विभाग की मांग की थी, लेकिन उन्हें पंचायत और स्वास्थ्य से ही संतोष करना पड़ा था.
- गृहमंत्री ताम्रद्वाज साहु को गृह, जेल, लोकनिर्माण, धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास, पर्यटन के अलावा कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी का अतिरिक्त प्रभार मिला है. ताम्रध्वज साहू एक अनुभवी नेता हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के लिए काम किया, फिर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष के रूप में काम किया है.
- मुख्यमंत्री के सबसे करीबी मंत्री रविन्द्र चौबे को पंचायत और ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, पशुधन विकास, मछली पालन, जल संसाधन, आयाकट, स्कूल शिक्षा और सहकारिता की जिम्मेदारी दी गई है. रवींद्र चौबे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, जो राज्य गठन से पहले से ही राजनीति में सक्रिय हैं. तब से लेकर आज तक रवींद्र चौबे ने कई बार राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाई है.