रायपुर। छत्तीसगढ़ में महुआ का विशेष महत्व चाहे महुआ का पेड़ हो या उसके फल, या महुआ के बीज, सभी उनकी आमदनी का प्रमुख स्त्रोत हैं।
जंगलों से महुआ बीनते हैं और फिर उन्हें सुखाते हैं, उसके बाद इन्हें बेच देते हैं। बहुत से परिवार महुआ पर ही निर्भर हैं। लेकिन पुराने तरीकों से इनकी खेती और व्यापार करने से मुनाफा बहुत ही सीमित था । लेकिन जब से मुख्यमंत्री भूपेश सरकार सत्ता में आये तब से वनवासियों को काफी राहत मिली है।
भूपेश सरकार : तरक्की का नया बीज
महुआ फूल की एक खेप छत्तीसगढ़ से समुद्र के रास्ते खासकर फ्रांस, ब्रिटेन और गोवा को निर्यात की जा रही है। निर्जलित महुआ के फूलों का इस्तेमाल ज़्यादातार दवा, सिरप और शराब बनाने के लिए किया जाता है। महुआ के फूलों को इकट्ठा करने में छत्तीसगढ़ के कोरबा, काठघोरा, सरगुजा, पासन, पाली, चुर्री, क्षेत्र के जंगलों के वनवासी काम करते हैं। क्षेत्रों से उपज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए भूपेश सरकार के इस अहम कदम ने महुआ फूल से जुड़े स्थानीय लोगों की तरक्की की नई राह है।
भूपेश सरकार की इस योजना के तहत मिल रहा लाभ
छत्तीसगढ़ में हर साल लगभग 5 लाख क्विंटल महुआ फूल का संग्रहण होता है,
महुआ फूल को खाद्य प्रॉडक्ट बनाया जा रहा है।
राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा महुआ फूल को फूड ग्रेड बनाने के लिए प्रक्रिया विकसित की गई है और महुआ लड्डू, जूस, कुकीज, चॉकलेट, आचार, जैम आदि बनाए जा रहे है।
इसके अलावा राज्य में बेहतर क्वालिटी के महुआ फूल कलेक्शन कर विदेशों तक इसकी सप्लाई की जा रही है। यूके के एक निजी संस्थान ने 750 क्विंटल महुआ फूल खरीदा है। इससे कंपनी महुआ फूल से कई प्रोडक्ट बनाएगी।
प्रदेश में इस वर्ष 2023-24 में संग्रहित 694.94 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ फूल में से 503.65 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ फूल का संग्रहण वनमंडल द्वारा किया गया है।
भूपेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना में से एक वन धन केन्द्र है।
मैनपुर विकासखण्ड के कांडसर कलस्टर में चयनित 1000 पेड़ों से हो रहा है।
कच्चा महुआ 10 रुपए प्रति किलो के दर पर खरीदी कर वन धन केंद्र लाया जाता है। पिछले साल गोवा व लंदन में फूड ग्रेड महुआ टेंडर प्रक्रिया के तहत बिका था। इस बार प्रोसेसिंग वन धन केंद्र में किया जा रहा है।
फूड ग्रेड महुआ फूल के तहत वनवासियों को मिल रहा लाभ
छत्तीसगढ़ में महुआ फूल की अपनी गुणवत्ता और भूपेश सरकार द्वारा दी जा रही नई तकनीक आदि की सुविधा से इसकी महक सात समंदर यानि अब देश-विदेश तक पहुंचने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वनवासियों को लघुवनोंपजों के संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण आदि कार्यों से संग्राहकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने निरंतर प्रयास हो रहे है। इस कड़ी में फूड ग्रेड महुआ फूल का संग्रहण बहुत लाभदायी है।
वनवासी क्षेत्र में महुआ फूल का उपयोग देशी शराब बनाने के लिए किए जाते है। अब वनोपज प्रसंस्करण को अधिक महत्व दिए जाने के कारण इस पर राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से शोध प्रारंभ कराया गया है। सीएफटीआरआई मैसूर की सहायता से महुआ एनर्जी बार, महुआ गुड़, आदि उत्पाद बनाने के तकनीक विकसित की गई है।
इस आधुनिक तकनीक से किया जा रहा कार्य
फूड ग्रेड महुआ की आधुनिक तकनीक से इसका संग्रहण कर इसे सुखाया जा रहा है और इसमे थोड़ा भी धूल व मिट्टी के कड़ नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश मे 9 वनमंडल मे फूड ग्रेड महुआ का संग्रहण किया जा रहा है
जिसमें वनमंडल गरियाबंद, कटघोरा, कोरबा, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, धरमजयगढ़, जसपुर, मागेन्द्रगढ़, कोरिया शामिल है। महुआ से पहले सिर्फ शराब बनाया जाता था अब इस महुआ फुल को खाद्य प्रोडक्ट अभी बनाया जा रहा है इसलिए फूड ग्रेड महुआ की मांग बढ़ी है।