छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों पर माओवादियों की ‘नज़र’ है. माओवादी आने वाले चुनावों में रुकावट डालने के लिए बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं. सुरक्षा अधिकारियों को जानकारी मिली है कि माओवादी कमांडरों ने बस्तर के जंगलों में 4 नए ट्रेनिंग कैंप खोले हैं, जहां नए माओवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
अधिकारी ने बताया, पिछले दो महीनों में बस्तर के जंगलों में 4 नए ट्रेनिंग कैंप खुलने की सूचना मिली है. इनमें नए युवाओं को आईइडी, देसी बम फेंकने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र राजनंदगांव में भी एक माओवादी ट्रेनिंग कैंप चलाने की सूचना है. इस सूचना के बाद इन इलाकों में पुलिस और सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ा दी गई है. हर छोटी से छोटी घटना पर निगरानी रखी जा रही है. जंगलों में सर्च ऑपरेशन की भी तैयारी है.
छत्तीसगढ़ में माओवादी हमलों को लेकर गृह मंत्रालय को हाल ही में अलर्ट मिला था. इसमें कहा गया, ‘आने वाले चुनावों के मद्देनज़र छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में माओवादी हमले हो सकते हैं. माओवादी किसी रैली या जनसभा को निशाना बनाकर हमलों को अंजाम दे सकते हैं.’
गृह मंत्रालय को भेजे गए अलर्ट में यह भी कहा गया कि कुछ नक्सलवादी गांव के सरपंचों और पटेल को धमकियां भी दे रहे हैं. उनपर दबाव बनाया जा रहा है कि वे राजनीतिक कार्यों में शामिल न हो. ऐसा नहीं करने पर उन्हें भयंकर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है.
अधिकारी ने बताया कि इन इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की ड्यूटी भी लगाई जा रही है. ताकि, किसी भी हमले को रोका जा सके.
बता दें कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) महानिदेशक आर आर भटनागर ने सोमवार को कहा है कि विभिन्न राज्यों में माओवादी समर्थकों के खिलाफ पहली बार संयुक्त कार्रवाई शुरू की गई है. पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने ऐसे करीब 500 लोगों को पकड़ा गया है. सीआरपीएफ महानिदेशक ने कहा कि वामपंथी उग्रवादियों को पांव पसारने से रोकने और उनका खात्मा करने के मकसद से वे राज्य पुलिस बल के साथ मिलकर ताजा कार्रवाई कर रहे हैं. इसके तहत संदिग्ध जगहों पर छापा मारा जाएगा.