सरकार के स्वामित्व वाले यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) ने कहा है कि वह मेघालय में अपने दफ्तर को बंद करने और यहां अपने दो कार्यालयों में अनुबंध पर काम कर रहे सभी कर्मियों को बर्खास्त करने के लिये ‘बाध्य’ है। शिलॉन्ग और यूरेनियम समृद्ध वाहकाजी गांव में कंपनी के 10 अनुबंध कर्मचारी थे।
खासी छात्र संघ जैसे यूरेनियम खनन विरोधी समूह खनन पूर्व विकास परियोजनाओं के लिये यूसीआईएल को जमीन पट्टे पर दिये जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह यूसीआईएल को खनन की इजाजत देने की चाल है। उप महाप्रबंधक एसके शर्मा का हवाला देते हुए यूसीआईएल की तरफ से जारी संदेश में कहा गया, यूसीआईएल मेघालय में अस्थायी रूप से अपने प्रतिष्ठानों को बंद करने के लिये बाध्य है।
यूसीआईएल द्वारा राज्य में माइनिंग गतिविधियां 15 साल पहले शुरू की गयी थीं, लेकिन राज्य सरकार से माइनिंग लीज और ज़रूरी अनुमतियां अब तक नहीं मिली थीं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए अब भी प्रयास जारी थे। राज्य में कंपनी के कर्मचारियों ने इसका विरोध दर्ज करवाया है। इस पर कंपनी ने उनसे सहयोग की उम्मीद जताने की बात करते हुए कहा है कि राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद जब वहां काम शुरू होगा, तब उनकी सेवाएं ली जाएंगी।