छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के पदाधिकारी चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं और अपने कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के साथ गांव गांव का दौरा भी कर रहे हैं. वहीं इस चुनाव में एक बार फिर से अपना भाग्य आजमाने के लिए बीजेपी के पुराने प्रत्याशी और कांग्रेस के सभी वर्तमान विधायक भी अपने-अपने विधानसभा में सक्रिय हो गए हैं.
बस्तर संभाग के एकमात्र सामान्य सीट जगदलपुर विधानसभा के साथ ही आदिवासियो के लिए आरक्षित सभी 11 विधानसभा सीटों में भी बीजेपी के पुराने प्रत्याशी अभी से दावेदारी के लिए अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं. बीजेपी के इन पुराने प्रत्याशियों का कहना है कि साल 2018 विधानसभा चुनाव में एंटी- इनकंसंभऊाबेंसी की वजह से उन्हें चुनाव में हार मिली थी. संभाग के 12 के 12 सीटों में कांग्रेस को जीत मिली थी. लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं होगा अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है तो इस चुनाव में जरूर उन्हें जीत मिलेगी.
इस दावे के साथ बीजेपी के सभी पुराने प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा के क्षेत्रों में दौरा करने के साथ यहां राज्य सरकार की विफलता और केंद्र सरकार की योजना बताने में जुट गए हैं. ताकि पार्टी के बड़े नेता उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में दोबारा मौका देकर उन्हें प्रत्याशी बनाये. इधर बीजेपी के पुराने प्रत्याशी के साथ कांग्रेस के वर्तमान विधायक भी अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों के गांव गांव में दौरा शुरू कर चुके हैं.
बीजेपी के सभी पूर्व प्रत्याशी टिकट पाने की तैयारी में जुटे
दिसंबर माह में होने वाले विधानसभा चुनाव में बस्तर के 12 सीटों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है.
2018 के विधानसभा चुनाव में 12 के 12 सीटों में कांग्रेस की जीत से आगामी चुनाव में भी कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं .लेकिन बीजेपी 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली हार की वजह एंटी-इनकेबेन्सी बता रही है और इस चुनाव में 12 के 12 सीटों में अपनी जीत का दावा कर रही है.
पिछले चुनाव में बीजेपी से प्रत्याशी रहे सभी पुराने चेहरों ने चुनाव को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी है. संभाग के एकमात्र जनरल सीट में बीजेपी से दो बार के विधायक रहे संतोष बाफना ने जगदलपुर विधानसभा में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. और दावेदारी के लिए पूरी तरह से ताल ठोकते नजर आ रहे हैं.
हालांकि संतोष बाफना का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं इसका फैसला पार्टी के आलाकमान के हाथों में है. लेकिन बीते साढ़े 4 सालों से वह जगदलपुर विधानसभा के हर गांव में पहुंचने के साथ ग्रामीणों की समस्या सुनकर अपने स्तर पर उसका समाधान भी कर रहे हैं. और उन्हें ग्रामीणों का प्यार भी मिल रहा है.
बाफना ने कहा कि अगर उन्हें पार्टी टिकट देती है तो जरूर इस चुनाव में जीतेंगे . हालांकि जनरल सीट होने की वजह से बीजेपी से और भी कई उम्मीदवार हैं जो अपने अपने जीत का दावा कर रहे हैं. यही दावा चित्रकोट विधानसभा के बीजेपी के पुराने प्रत्याशी बैदुराम कश्यप और उनके भाई लछुराम कश्यप भी कर रहे हैं.
दोनों ही बीजेपी नेता को पार्टी ने चित्रकोट विधानसभा से टिकट दिया है. ऐसे में इस बार के चुनाव में भी दोनों ही नेता लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर टिकट के लिए ताल ठोकते हुए नजर आ रहे हैं. इस सीट में भी बीजेपी के और भी नेता टिकट पाने के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा रहे है. वहींं बस्तर विधानसभा में भी पुराने प्रत्याशी सुभाउराम कश्यप ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
लेकिन इस बार बीजेपी के जिलाध्यक्ष रूप सिंह मंडावी भी बस्तर विधानसभा से टिकट मिलने की उम्मीद पर बस्तर विधानसभा के गांव गांव का दौरा कर रहे हैं. हालांकि इस सीट से भी बीजेपी के और भी कई उम्मीदवार हैं.. इन 3 सीटों के अलावा कोंडागांव से लता उसेंडी जो बीजेपी शासनकाल में महिला बाल विकास मंत्री रही वह भी दावेदारी के लिए पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही हैं .
इसके अलावा नारायणपुर में भी बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी और पूर्व मंत्री केदार कश्यप लगातार गांव गांव का दौरा कर रहे हैं .इसके अलावा दंतेवाड़ा में बीजेपी के पूर्व विधायक स्वर्गीय भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी भी इस बार के चुनाव में दावेदारी के लिए तैयार हैं. और कोंटा विधानसभा में पूर्व प्रत्याशी धनीराम बारसे के साथ ही बीजेपी से दावेदारों की लंबी लिस्ट है.
बीजापुर में एक बार फिर पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा बीजेपी से टिकट पाने के लिए पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रहे हैं और गांव गांव का दौरा कर रहे हैं. वहीं कांकेर विधानसभा मे हीरा मरकाम. भानुप्रतापपुर में देव लाल दुग्गा. अंतागढ़ में विक्रम उसेंडी. और केशकाल सीट से हरिशंकर नेताम एक बार फिर से आगामी चुनाव को लेकर एक्टिव नजर आ रहे हैं.
12 सीटों में बीजेपी के कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने को हैं तैयार
हालांकि इन सभी 12 सीटों में बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है .लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी के पूर्व प्रत्याशियों को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें एक बार फिर से मौका दे सकती है. इस वजह से अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में इन पूर्व प्रत्याशियों ने सक्रियता बढ़ा दी है. वहींं कांग्रेस के वर्तमान विधायक भी दोबारा टिकट पाने के लिए लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुन उनका समाधान करने में जुटे हुए है.