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वर्क फ्रॉम होम में नहीं होगी कहीं से भी काम करने की छूट, कंपनियां जल्द ले सकती हैं ये फैसला.

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कोरोना महामारी के चलते लगे लंबे लॉकडाउन के बाद अब हालात सामान्य हो चले हैं. तमाम आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं. फैक्टरी, बाजार अपनी पूरी क्षमता के साथ खुल गए हैं और ट्रेन तथा बसें भी पूरी क्षमता के साथ दौड़ रही हैं. ऐसे में वर्क फ्रॉम घर का कल्चर भी अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है.

कुछ कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम कल्चर अभी भी है लेकिन कंपनियां अब इसे भी सीमित करने जा रही हैं. वर्क फ्रॉम होम के तहत अभी तक कर्मचारी को कहीं से भी काम करने की छूट थी. लेकिन अब कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत तो दे रही हैं लेकिन इस शर्त के साथ कि उन्हें उसी शहर में आकर काम करना होगा जहां उनकी नियुक्ति हुई है.
ईटी के साथ हुए डेलॉइट सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, केवल 12 फीसदी कंपनियां कर्मचारियों को किसी भी शहर से स्थाई आधार पर काम करने का विकल्प देने की योजना बना रही हैं. आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को छोड़कर अधिकांश उद्योग रिमोट वर्किंग की अनुमति देने के इच्छुक नहीं हैं.

वर्क फ्रॉम होम के इस सर्वे में 450 से अधिक संगठनों को शामिल किया गया है.

इस सर्वे में कंपनियों ने बताया कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को मूल स्थानों पर आकर काम करवाने की इच्छुक हैं. क्योंकि हार्डवेयर इन्फ्रा, डेटा गोपनीयता, बेहतर उत्पादकता और कर्मचारियों के साथ संबंध जैसे मुद्दों को देखते हुए कर्मचारियों का उसी शहर में आकर काम करना बेहतर होगा जहां उनकी नियुक्त हुई है.

आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने पहले कहा था कि वह 2021 के अंत तक अपने सभी कर्मचारियों को कार्यालयों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

हाइब्रिड वर्कप्लेस मॉडल
हाइब्रिड वर्कप्लेस मॉडल यानी आधुनिक कार्यस्थल, काम करने के स्पेस का यह मॉडल काफी लोकप्रिय हो रहा है. यह काम करने का एक ऐसा मॉडल है जहां कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार ऑफिस से दूर मगर बिल्कुल ऑफिस जैसे माहौल तथा सुविधाओं में काम करता है. हाईब्रिड वर्कप्लेस में आपको सुविधा के अनुसार फर्नीचर, तमाम तकनीकी सुविधाएं आदि मिलती हैं.
बता दें कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसा कड़ा कदम उठाया गया था. ऐसे में तमाम कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) सिस्टम लागू किया. उन्होंने अपने कर्मचारियों को घर से ही ऑफिस का काम करने की सहूलियत दी थी. इस सहूलियत से लॉकडाउन के दौरान भी तमाम काम होते रहे. और एक बड़े वर्ग को रोजगार मुहैया होता रहा था.