
Delta Variant Alert, संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने दुनियाभर के देशों को अलर्ट करते हुए कहा है कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद ‘खतरनाक दौर’ में गुजर रही है और कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट बहुत ज्यादा संक्रामक हो गया है और लगातार तेजी से बदलाव कर रहा है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख गेब्रेयेसस ने कहा कि जिन देशों में टीकाकरण की रफ्तार कम है या कम आबादी को कोरोना वैक्सीन लगी है, वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। गेब्रेयेसस का कहना है कि ‘डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक है और कई देशों में यह काफी तेजी से फैल रहा है। इसी के साथ ही हम इस महामारी के बहुत खतरनाक दौर में हैं।
दुनिया का कोई भी देश खतरे से बाहर नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख गेब्रेयसस ने चेताया है कि दुनिया का कोई भी देश फिलहाल खतरे से बाहर नहीं है। कोरोना का डेल्टा स्वरूप खतरनाक है। उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट अभी तक 98 देशों में पाया गया है और उन देशों में तेजी से फैल रहा है, जहां कम वैक्सीन लगी है। गेब्रेयेसस ने कहा कि जन स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय जैसे कि कड़ी निगरानी, जांच, शुरुआती स्तर पर बीमारी का पता लगाना, पृथक वास और चिकित्सीय देखभाल अब भी महत्वपूर्ण हैं।
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि कोविड-19 महामारी से संबंधित सभी जरूरी नियमों का सख्ती से पालन करना अभी बेहद जरूरी है। मास्क लगाना, सामाजिक दूरी, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और घरों को हवादार रखने की की पर्याप्त व्यवस्था अहम है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अपने यहां कि 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 रोधी टीका जल्द से जल्द लगा लेना चाहिए, तभी महामारी पर हम काबू पाने की स्थिति में होंगे।
उन्होंने कहा कि महामारी को खत्म करने, लोगों की जान बचाने, वैश्विक आर्थिक बहाली तथा खतरनाक वैरिएंट को पैदा होने से रोकने के लिए वैक्सीनेशन ही सबसे कारगर उपाय है। डब्ल्यूएचओ ने इस हफ्ते कहा था कि सबसे पहले भारत में डेल्टा वैरिएंट पाया गया था, उसके बाद से अभी तक यह करीब 100 देशों में पैर पसार चुका है।