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डिफेंस से जुड़ी सर्विस में शामिल कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक, सरकार लाई अध्यादेश, उल्लंघन करने पर जेल

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सरकार ने बुधवार को एक अध्यादेश जारी किया जो डिफेंस से जुड़ी हुई जरूरी सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल करने और किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है. आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के OFB को निगम बनाने के फैसले के खिलाफ अगले महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. जिसको देखते हुए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 लाया गया है.

एक सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक रक्षा उपकरण के प्रोडक्शन, सेवा और संचालन में शामिल कर्मचारी या सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के प्रोडक्शन में शामिल कर्मचारियों के साथ ही रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे. कानून मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ”कोई भी व्यक्ति जो हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है, जो इस अध्यादेश के हिसाब से गैर-कानूनी है तो उसे एक साल तक की जेल या 10000 रुपये जुर्माने या दोनों हो सकती हैं.”

इस प्रस्ताव को सरकार ने दी है मंजूरी

इसी महीने सरकार ने नीतिगत सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए लगभग 200 साल पुराने आयुध निर्माण बोर्ड (OFB) के पुनर्गठन के लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत बोर्ड को सात अलग-अलग कंपनियों में बदला जाएगा, जिससे काम में जवाबदेही बढ़ सके. बोर्ड इस समय हथियार और गोला-बारूद बनाने के 41 कारखाने चलाता है.

70,000 कर्मचारियों की सेव शर्तों में बदलाव नहीं

ओएफबी को रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों की तर्ज पर बनाने का फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया. करीब दो दशक बाद इस सेक्टर को कमर्शियल करने और इसकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए सुधार के कदम उठाए गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे ‘ऐतिहासिक निर्णय’ बताते हुए कहा था कि संगठन के करीब 70,000 कर्मचारियों की सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा और यह निर्णय भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों से प्रेरित है.