महिला विश्व कप में भारतीय महिलाओं ने इतिहास रच दिया है। जो अब तक नहीं हुआ, वो कर दिखाया। जो असंभव सा लगता था, उसे संभव कर दिखाया। 7 बार की वर्ल्ड चैंपियन, वर्ल्ड कप में पिछले 15 मैचों से अजेय रही ऑस्ट्रेलिया का विजयरथ रोक दिया।
वर्ल्ड कप नॉकआउट का सबसे बड़ा टारगेट भेद दिया। महिला वनडे के इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज कर दिखाया।
खत्म होगा आईसीसी ट्रॉफी का सूखा
अगस्त में विश्व कप की ट्रॉफी के अनावरण समारोह में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस बार मिथक तोड़ने की हुंकार भरी थी। आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करने का इरादा जताया था। मिथक तोड़ने के लिए बस अब एक आखिरी दरवाजे का टूटना बाकी है। 2 नवंबर को महिला विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वो आखिरी दरवाजा भी टूटेगा, हमारी छोरियों ने वो उम्मीद जगा दी है।
सामने था असंभव सा दिखने वाला लक्ष्य
30 अक्टूबर 2025 को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में महिला विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाई। 49.5 ओवर में ऑल आउट हो गई लेकिन स्कोरबोर्ड पर जो रन टंगे थे, वो किसी भी विरोधी टीम के होश उड़ा देने वाले थे। 338 रन का विशाल स्कोर।
अकल्पनीय
339 रन का लक्ष्य और वो भी वर्ल्ड कप के नॉक आउट में। तब ऑस्ट्रेलियाई टीम और ज्यादातर क्रिकेट फैन ने सपनों में भी नहीं सोचा होगा कि ये चेज भी हो सकता है। विश्व कप तो छोड़िए, महिला वनडे के इतिहास तक में ऐसा कभी नहीं हुआ था। भारतीय टीम का सबसे बड़ा सफल रन चेज 265 रन था जब 2021 में उसने ऑस्ट्रेलिया को हराया था। विश्व कप इतिहास में भारतीय टीम ने 300 तो छोड़िए, कभी भी 200+ रन तक के टारगेट को हासिल नहीं किया था। सामने असंभव सा लक्ष्य था लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर और टीम को भरोसा था- करके रहेंगे।
ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप के पिछले 15 मैचों से अजेय चली आ रही थी। विश्व कप में उनकी आखिरी हार भी भारत से ही मिली थी। वो भी सेमीफाइनल ही था। तब भी हरमनप्रीत कौर अड़ी थीं। नाबाद 171 रन की पारी खेली थी। हालांकि तब वह कप्तान नहीं थी।
और भारत ने रोक दिया ऑस्ट्रेलियाई अश्वमेध का घोड़ा
2017 के सेमीफाइनल में भारत से हार के बाद से ऑस्ट्रेलिया विश्व कप का एक भी मैच नहीं हारी थी। पिछला विश्व कप भी पूरे टूर्नामेंट के दौरान अजेय रहते हुए जीता। इस विश्व कप में भी अजेय रहते हुए सेमीफाइनल तक पहुंची थी। उसे क्या पता था कि जिस टीम को हराने के बाद उसने विश्व कप में लगातार जीत का रिकॉर्ड बनाया, आखिरकार वही टीम उसके विजय रथ को रोकेगी। हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली टीम ने वो कर दिखाया। विश्व कप में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है। उसने इससे पहले भी 1993 से 2000 के बीच महिला विश्व कप में लगातार 15 मैच जीते थे।
जेमिमा रोड्रिग्स ने रचा इतिहास
59 रन पर भारत के दो विकेट गिर चुके थे। शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना आउट हो चुकी थीं। लेकिन वहां से जेमिमा रोड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर ने इतिहास रच दिया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 167 रन की साझेदारी की। कौर 89 रन पर आउट हुईं। उनके आउट होने के बाद जेमिमा रोड्रिग्स एक छोर संभाले रखीं। दीप्ति शर्मा, रिचा घोष के साथ बहुमूल्य साझेदारियां कीं और आखिरकार अमनजोत कौर के साथ छठे विकेट के लिए 31 रन की विजयी और नाबाद साझेदारी से इतिहास रच दिया। जेमिमा रोड्रिग्स ने 127 रन की नाबाद पारी खेलकर भारत को फाइनल में पहुंचाया।
खुशी के आंसू
जीत के बाद जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर अपने आंसुओं पर काबू नहीं कर पाईं। आखिरकार उन्होंने वो कर दिखाया था जो कभी नहीं हुआ था। ये आंसू उसी अविश्वसनीय जीत की खुशी के थे। अब बस एक कदम और फिर आईसीसी ट्रॉफी का सूखा भी खत्म होगा। शाबाश छोरियों। गुड लक।



