तमिलनाडु के करूर में एक्टर विजय की राजनीतिक रैली में बीते दिनों भगदड़ मची थी. इस दौरान 41 लोगों की मौत हो गई. अब इस पर राजनीति होने लगी है. घटना को लेकर भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने इसे एक सुनियोजित और बनाई हुई घटना बताया है. उन्होंने विजय को रैली के लिए सही जगह न उपलब्ध कराने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की भी आलोचना की.
एमके स्टालिन पर लगाया आरोप;
सुंदर ने कहा,’ तमिलनाडु के सभी लोग मानते हैं कि पूरी तरह से लापरवाही बरती गई. ऐसा लगता है कि यह एक जानबूझकर की गई आपदा थी क्योंकि डीएमके को पता था कि विजय किस तरह की भीड़ जुटाने वाले हैं. इसके बावजूद उन्होंने उन्हें रैली करने के लिए उचित जगह नहीं दी. एमके स्टालिन अब मौन हैं और सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. 41 लोग मारे गए. उन्हें अब बोलना चाहिए कि किसी को उनकी आवाज हटानी होगी.’
विजय की रैली में भगदड़;
बता दें कि 27 सितंबर 2025 को करूर में विजय की रैली के दौरान भगदड़ मची थी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बिजली गुल होने, भीड़ के अचानक उमड़ने और पतली जगह के कारण यह जानलेवा हादसा हुआ. एक्टर से नेता बने विजय को भी इवेंट पर दोपहर 12 बजे पहुंचना था, लेकिन वह शाम लगभग 7 बजे कार्यक्रम पर पहुंचे. इस दौरान लोगों ने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू हो गया.
विजय को भाजपा की बी टीम बताया;
सुंदर ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा,’ पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया? अब तो कई सारे वीडियो सामने आ गए हैं. यह जरूर एक सुनियोजित और रची गई घटना होगी.’ कुछ विपक्षी नेताओं ने विजय को भाजपा की बी टीम कहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा,’ मुझे ए टीम या बी टीम के बारे में नहीं पता. ए से जेड तक की टीम भी हो सकती है. मैं कुछ नहीं कह सकती. भाजपा खुश है. हम पी टीम यानी जनता की टीम हैं.’
भगदड़ क्यों मची?
रैली में भीड़ नियंत्रण न होने, गर्मी और दम घुटने जैसी परिस्थितियों के कारण भगदड़ मची.
कितने लोग मरे और घायल हुए?
इस हादसे में 39-41 लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए.