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CG: नई व्यवस्था में केंद्र सरकार ने कोयले पर कंपनसेशन सेस समाप्त…

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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में केंद्र सरकार नेे 22 सितम्बर से जीएसटी दरों की नई व्यवस्था लागू की गई है। इसे केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी रिफॉर्म 2.0 का नाम दिया गया है। इस नई व्यवस्था में केंद्र सरकार ने कोयले पर कंपनसेशन सेस समाप्त कर दिया है। ईंधन की लागत में कमी से उत्पादन लागत में भी कमी संभावित है।

प्रारंभिक आंकलन के अनुसार इससे उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली दर में लगभग 11 पैसे की कमी का लाभ मिल सकता है। 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना को संशोधित कर वर्तमान सरकार ने इसे 100 यूनिट कर दिया है। जिससे लोगों में काफी आक्रोश है। बिजली बिल से लोग परेशान हैं।

ऐसे में जीएसटी रिफॉर्म के बाद बिजली बिल की दरों में बेहद मामूली कमी आएगी। हालांकि यह कमी फिलहाल बिजली बिल में लागू नहीं की गई है। लागू हो जाने के बाद ही या स्पष्ट होगा कि बिजली बिल में कितने पैसे की कमी आ सकती है। हालांकि पावर जनरेशन कंपनी की ओर से जारी किए गए सूचना के अनुसार यह छूट प्रस्तावित है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की ओर से जारी अधिकृत सूचना के अनुसार अब कोयला औसतन अनुमानित 152.36 रूपए प्रति टन कम लागत पर प्राप्त होगा। जिससे कंपनी की उत्पादन लागत में औसतन 11.54 पैसे प्रति यूनिट कमी संभावित है। कंपनसेशन सेस विद्युत उत्पादन लागत में एक बड़ा मुद्दा था। जिसमें राहत मिलने से उत्पादन लागत में कमी का मार्ग प्रशस्त होगा। जो भारत सरकार की मंशा के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं को भी लाभान्वित करेगा।

जीएसटी रिफॉर्म 2.0 में किए गए सुधारों के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने कोयले पर लगने वाले कंपनसेशन सेस 400 रुपए प्रति टन को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। जबकि कोयले पर जीएसटी को 5 प्रतिशत से बढाकर 18 प्रतिशत किया गया है। इन दोनों के संयुक्त प्रभाव से बिजली उत्पादन की लागत में कुछ कमी जरूर आएगी। कोयला कंपनी से पावर कंपनी द्वारा कोयले की खरीदी की जाती है। इन दरों में संशोधन के बाद नए दर लागू होंगे, इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।

बीएमसी के राष्ट्रीय मंत्री और उद्योग प्रभारी राधेश्याम जयसवाल का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य पावर जनरेशन कंपनी को बिजली के उत्पादन में लगने वाले कोयला, पानी और तेल में छूट मिली है। यह छूट हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब में रिफॉर्म के बाद मिलेगी। जिससे बिजली उत्पादन लागत में कमी आई है।

इसी महीने से मिलना चाहिए था लाभइस वजह से उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली में 11 पैसे प्रति यूनिट छूट दिया जाना प्रस्तावित है। यह छूट उपभोक्ताओं को इसी महीने से मिलनी चाहिए थी। लेकिन इस महीने के बिजली बिल में यह संशोधन नहीं हुआ है। संभवत: आगामी महीने के बिजली बिल में इसे लागू किया जाएगा। इस पर हमारे संगठन की नजर बनी हुई है। छूट नहीं मिलने की स्थिति में हम कंपनी से पत्राचार कर आगामी कार्यवाही करेंगे।