मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी, धमतरी में मां अंगारमोती एवं बिलईमाता, सरगुजा और रतनपुर में मां महामाया, डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी जैसे अनेक स्वरूपों में माता प्रदेश में विराजमान हैं। इन सभी शक्तिपीठों का आध्यात्मिक महत्व न केवल प्रदेश की आस्था को मजबूत करता है बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी छत्तीसगढ़ को विशिष्ट पहचान प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि नवरात्र के प्रथम दिन ही यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जीएसटी रिफॉर्म लागू कर देश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति प्रदान की है। यह सुधार न केवल व्यापार को सुगम बनाएगा बल्कि उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ भी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ‘बचत उत्सव’ के माध्यम से आम नागरिकों की जेब में पैसों की उल्लेखनीय बचत हो रही है और यह अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने लोगों से आह्वान किया कि जब भी बाजार जाएँ तो स्वदेशी वस्तुओं की खरीदी को प्राथमिकता दें। स्वदेशी से न केवल देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है बल्कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेशी को अपनाना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है और यही देश की समृद्धि का आधार बनेगा।
इस अवसर पर रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री सुनील सोनी, विधायक श्री अनुज शर्मा, पूर्व विधायक श्री देवजी भाई पटेल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, मंडल आयोग के अध्यक्ष सहित कच्छ कड़वा पाटीदार समाज और श्री गुजराती लोहाणा महाजन समाज के वरिष्ठजन एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।